Afghanistan Updates : On the situation in Afghanistan, America said, Pakistan will benefit the most from peace in Afghanistan
Representative Image

    Loading

    संयुक्त राष्ट्र: महिला अधिकार समर्थक (Women Rights Supporters) एवं धार्मिक नेताओं (Religious Leaders) ने महिलाओं द्वारा पिछले दो दशकों में हासिल की गई उपलब्धियों का संरक्षण करने के मद्देनजर अफगानिस्तान (Afghanistan) में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन (UN Peace Mission) की मांग की है, क्योंकि अमेरिका और नाटो बल युद्धग्रस्त देश से अपने सैनिक वापस बुला रहे हैं और तालिबान लगातार देश के कई हिस्सों पर कब्जा कर रहा है।

    तालिबान के शासन में, महिलाओं को स्कूल जाने, घर के बाहर काम करने या किसी पुरुष के बिना घर से निकलने की अनुमति नहीं है। देश के पुरुष प्रधान समाज में अब भी महिलाओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, अफगानिस्तान की कई महिलाएं काफी जद्दोजहद के बाद कई शक्तिशाली पदों पर पहुंच गई हैं, लेकिन उन्हें डर है कि तालिबान के फिर नियंत्रण करने से उन्होंने जो कुछ भी हासिल किया है, वे उनसे छीन लिया जाएगा।

    अमेरिका, अफगानिस्तान और अन्य देशों के 140 नागरिक समाज संगठन और धार्मिक नेताओं द्वारा 14 मई को लिखा एक पत्र ‘एपी’ को मिला, जो ‘‘अफगानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा तथा उनके अधिकारों को समर्पित ” था। पत्र में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक बल से यह ‘‘ सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया कि अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी की कीमत स्कूल जाने वाली लड़कियों को न चुकानी पड़े।”

    पत्र में अमेरिका से महिलाओं और लड़कियों तथा ‘हजारा’ जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों को मजबूत करने के लिए ‘‘ एक महत्वपूर्ण सुरक्षा रणनीति के रूप में ” अफगानिस्तान की मानवीय मदद तथा विकास संबंधी कार्यों के लिए की जाने वाली सहायता बढ़ाने को कहा गया है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तालिबान के साथ ‘‘ महिलाओं के शांति वार्ता का हिस्सा होने पर जोर देने से इनकार करके” वैश्विक शांति को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में महिलाओं के लिए समान भागीदारी की मांग वाले 2000 में अपनाए गए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का सम्मान करने में विफल रहने का आरोप भी लगाया ।