Xi Jinping

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बीजिंग/हांगकांग. वैश्विक आक्रोश और पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश हांगकांग में नाराजगी के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को उस विवादित सुरक्षा कानून पर हस्ताक्षर कर दिए जोकि हांगकांग के संबंध में बीजिंग को नयी शक्तियां प्रदान करता है। चीन ने हांगकांग में अलगाववाद और पृथकतावादी गतिविधियों में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने के लिए एक विवादित कानून को मंजूरी दे दी। इस कानून की वजह से लोगों में डर है कि इसका इस्तेमाल इस अर्धस्वायत्त क्षेत्र में विरोध की आवाजों को दबाने के लिए किया जा सकता है। इस कानून के तहत चीनी सुरक्षा बलों की हांगकांग में मौजूदगी सुनिश्चित हो सकेगी।

मंगलवार को चीनी संसद की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) की 162 सदस्यीय स्थायी समिति ने सर्वसम्मति से हांगकांग के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को मंजूरी दे दी। इसे मंजूरी दिए जाने के तुरंत बाद जिनपिंग ने इस कानून पर हस्ताक्षर किए जिसके साथ ही कानून लागू करने योग्य हो गया। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, स्थायी समिति के अध्यक्ष ली झांशू ने कहा कि यह कानून हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में कानून का शासन और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए दृढ़ और प्रभावी प्रयासों पर जोर देता है। इस बीच, अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और नाटो ने नए कानून को लेकर चिंता जाहिर की और जवाबी उपायों को लेकर आगाह किया।

इससे पहले, चीनी संसद की स्थायी समिति में हांगकांग के एकमात्र प्रतिनिधि ताम यियू-चुंग ने संवाददाताओं से बातचीत में मंगलवार को इस बात की पुष्टि की कि यह कानून पारित हो गया है। उन्होंने कहा कि इस कानून में मौत की सजा का प्रावधान नहीं है। हालांकि उन्होंने इसके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी कि इस कानून के प्रावधान अतीत के घटनाक्रमों पर भी लागू होंगे (अर्थात क्या यह कानून पिछली तिथि से लागू होगा)।

ताम ने साक्षात्कार में कहा, ‘‘ हांगकांग का इस्तेमाल देश को बांटने के हथियार के तौर पर नहीं होने दें।” ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ अखबार और सरकारी चैनल ‘आरटीएचके’ ने अनाम स्रोतों का हवाला देते हुए इससे पहले बताया कि मंगलवार को संसद की स्थायी समिति ने सर्वसम्मति से हांगकांग के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को मंजूरी दे दी। हांगकांग में लोकतंत्र के प्रख्यात समर्थक जोशुआ वांग, एग्नेश चाउ और नाथन लाउ ने फेसबुक पर बयान जारी करके यह संकेत दिया कि वे लोकतंत्र समर्थक संगठन डेमोसिस्टो से खुद को अलग कर सकते हैं।

वांग ने कहा कि वह अपनी जान और सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा मुद्दा बन चुका है और किसी को भी इस बारे में जानकारी नहीं है कि इस कानून के परिणाम क्या होंगे, लोगों को चीन प्रत्यर्पित किया जाएगा या उन्हें 10 साल तक की सजा या इससे ज्यादा की सजा दी जाएगी। वहीं, हांगकांग के मध्य कारोबारी जिले में एक लग्जरी मॉल के बाहर सैंकड़ों की संख्या में जमा हुए लोगों ने ‘ हांगकांग को स्वतंत्र करने और अब क्रांति’ के नारे लगाए। इनमें से कई ने ‘हांगकांग स्वतंत्रता’ वाले झंडे और पोस्टर अपने हाथों में लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की निंदा की।

पुलिस ने बाद में इस मॉल वाले क्षेत्र की घेराबंदी की। इस कानून का हांगकांग के भीतर काफी विरोध हो रहा है और ब्रिटेन, अमेरिका, यूरोपीय संघ सहित अन्य भी इसका विरोध कर रहे हैं। ब्रिटेन ने कहा कि वह हांगकांग के 75 लाख लोगों में से करीब 30 लाख को रहने की पेशकश और संभवत: नागरिकता देने की पेशकश भी कर सकते हैं। हालांकि चीन ने इन सभी कदमों को उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बताया है।