Afghanistan Food Crisis : Afghanistan will run out of food stock within a month: United Nations
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    संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आगाह किया है कि, अफगानिस्तान (Afghanistan) में उसका खाद्य भंडार इस महीने खत्म हो सकता है और जरूरतमंद लोगों को भोजन मुहैया कराने के लिए 20 करोड़ डॉलर की तत्काल आवश्यकता है।

    अफगानिस्तान में विशेष उप प्रतिनिधि और मानवीय समन्वयक रमीज अलकबारोव ने कहा कि देश की कम से कम एक तिहाई संघर्षरत आबादी अभी ‘‘इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि उन्हें रोज भोजन मिलेगा या नहीं।” उन्होंने काबुल से एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में बुधवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘सितंबर के अंत तक विश्व खाद्य कार्यक्रम का देश में जो भंडार है वह खत्म हो जाएगा। हमारा भंडार खत्म हो जाएगा। मौजूदा मांग को पूरा करने के लिए हमें केवल खाद्य क्षेत्र के लिए कम से कम 20 करोड़ डॉलर की आवश्यकता है ताकि जरूरतमंद लोगों को भोजन मुहैया कराया जा सके।”

    उन्होंने इस बात को लेकर चिंता जतायी कि इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ेगा और देश में पांच साल की उम्र के आधे से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं और ‘‘उन बच्चों को भोजन नहीं मिलेगा।” अलकबारोव ने जोर देकर कहा कि देश में खाद्य असुरक्षा ‘‘बहुत स्पष्ट” है और इस संघर्ष के कारण 6,00,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के लौटने पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने देश में गहराते मानवीय और आर्थिक संकट पर ‘‘गंभीर चिंता” जतायी।

    ‘‘मानवीय तबाही” के आने की चेतावनी देते हुए गुतारेस ने कहा कि अफगानिस्तान की लगभग आधी आबादी को जीवित रहने के लिए मानवीय सहायता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘तीन में से एक अफगान नागरिक को नहीं पता कि उनका भोजन कहां से आएगा। पांच साल की उम्र तक के सभी बच्चों में से आधे से ज्यादा के अगले साल कुपोषित होने की आशंका है। लोग हर दिन मूलभूत सामान और सेवा से वंचित हो रहे हैं।”

    संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, ‘‘मैं सभी सदस्य देशों से समय पर और व्यापक वित्त पोषण देने का अनुरोध करता हूं।” उन्होंने कहा कि अफगान बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को पहले से कहीं ज्यादा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सहयोग की आवश्यकता है। अलकबारोव ने कहा कि देश में दवाओं की भी कमी है और शिक्षकों तथा सामाजिक क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को वेतन न दे पाने को लेकर भी गहरी चिंता है। (एजेंसी)