नयी दिल्ली: अफगानिस्तान के बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ में तालिबान की हिंसा बढ़ने के मद्देनजर भारत वहां स्थित अपने वाणिज्य दूतावास से कर्मचारियों को स्वदेश ला रहा है। अफगानिस्तान में रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों को देश से वाणिज्यिक हवाई सेवाएं बंद होने से पहले स्वदेश के लिए तत्काल यात्रा की व्यवस्था करने भी सलाह भी दी गयी।
सूत्रों ने बताया कि मजार-ए-शरीफ में और उसके आसपास के इलाकों में स्थिति बिगड़ने के चलते वाणिज्य दूतावास के भारतीय कर्मचारी और मजार-ए-शरीफ रह रहे कई भारतीयों को वहां से लाया जा रहा है।
समझा जाता है कि भारतीय वायु सेना का एक विशेष विमान अफगानिस्तान के चौथे बड़े शहर से कर्मचारियों और भारतीय नागरिकों को लेकर आएगा। मजार-ए-शरीफ स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मजार- ए-शरीफ से एक विशेष उड़ान नयी दिल्ली के लिए रवाना होने वाली है। मजार-ए-शरीफ में या इसके आसपास रह रहे किसी भी भारतीय से आज देर शाम रवाना होने वाली विशेष उड़ान से वहां से आने का अनुरोध किया जाता है।”
Security Advisory for Indian Nationals in Afghanistan@MEAIndia pic.twitter.com/yB13DRpkgT
— India in Afghanistan (@IndianEmbKabul) August 10, 2021
समझा जाता है कि मजार-ए-शरीफ स्थित वाणिज्य दूतावास स्थानीय स्टाफ सदस्यों के जरिए अपना कामकाज जारी रखेगा। अफगान सैनिकों और तालिबान लड़ाकों के बीच कंधार शहर के आसपास भीषण झड़प होने के बाद पिछले महीने भारत ने कंधार स्थित वाणिज्य दूतावास से करीब 50 राजनयिकों और सुरक्षा कर्मियों को वापस बुला लिया था।
नए परामर्श में काबुल में भारतीय दूतावास ने अफगानिस्तान में काम कर रही भारतीय कंपनियों को देश से हवाई यात्रा सेवाओं को बंद करने से पहले अपने भारतीय कर्मचारियों को परियोजना स्थलों से तुरंत वापस लाने की सलाह दी। दूतावास ने कहा कि 29 जून और 24 जुलाई को जारी सुरक्षा परामर्श अब भी बरकरार है। दूतावास ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे अफगानिस्तान के कई हिस्सों में हिंसा बढ़ी है, कई प्रांतों और शहरों में वाणिज्यिक हवाई यात्रा सेवाएं बंद हो रही हैं।”
दूतावास ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान में काम कर रही भारतीय कंपनियों को हवाई यात्रा सेवाओं के बंद होने से पहले अफगानिस्तान में परियोजना स्थलों से अपने भारतीय कर्मचारियों को तुरंत वापस बुलाने की सलाह दी जाती है।” दूतावास ने परामर्श में कहा, ‘‘अफगानिस्तान में अफगान या विदेशी कंपनियों के लिए काम करने वाले भारतीय नागरिकों को तुरंत अपने नियोक्ता से अनुरोध करना चाहिए कि वे परियोजना स्थलों से भारत की यात्रा की सुविधा प्रदान करें।”