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    नई दिल्ली. जहां एक तरफ अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) की ताइवान (Tiwan) यात्रा से चीन (China) बुरी तरह से भड़का हुआ है और आक्रामक भी होता जा रहा है। वहीं उसने उबीते गुरुवार को ताइवान की घेराबंदी के लिए युद्धभ्यास शुरू कर दिया है। वहीं इस सबके चलते अब चीन और ताइवान के बीच तनातनी और भी बढ़ती नजर आ रही है।

    वहीं जापान पर मिसाइल दागने के बाद अब चीन ने ताइवान की सीमा पर अपने 100 फाइटर जेट उड़ाए हैं। हालांकि, ताइवान ने भी पीछे हटने से साफ़ इंकार कर दिया। इससे पहले भी 22 चीनी विमान ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में भी घुस गए थे। 

    इसके साथ ही पूरी दुनिया में इस वक्त चर्चा इस बात पर है कि, अमेरिकी सांसद नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से चीन की यह नाराजगी कितनी दूर तलक जाएगी। इसके साथ ही दुनिया के देशों में इस बात का भी डर है कि नैंसी पेलोसी की इस यात्रा के बाद कहीं चीन जल्द ही ताइवान पर हमला न बोल दे। वहीं, पूरी दुनिया अब इस भंवर और प्रश्न में फंसी हुई है कि ताइवान को लेकर चीन का अगला कदम क्या होगा। 

    हालाँकि उधर जापान पहुंचीं नैंसी पेलोसी ने कहा, अमेरिका और चीनी राष्ट्रपति के बीच संवाद जरुर होता है। ऐसे दो बड़े देशों के बीच जरुरी संवाद होना ही चाहिए। उन्होंने कहा, अगर हम चीन में व्यावसायिक हितों के कारण मानवाधिकारों पर नहीं बोलते हैं, तो हम दुनिया में कहीं भी मानवाधिकारों के बारे में बोलने के सभी नैतिक अधिकार भी खो देते हैं।