नई दिल्ली: कई बार ऐसी खबरें सामने आती है, जहां भूकंप से लोगों की जान चली जाती है, अब तक होता ये था कि भूकंप में कई लोग दब जाते है, जिनका पता लगाना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में कई लोगों की जिंदगी खत्म हो जाती है, लेकिन अब इस मुश्किल भरी समस्या का भी समाधान होने वाला है, जी हां अब भूकंप के मलबे में फंसे लोगों की जान बचाने का कार्य चूहे करंगे, चौंक गए न? तो चलिए जानते है आखिर क्या है पूरी खबर….
चूहे बचाएंगे लोगों की जान
जैसा की हमने आपको बताया कि अब चूहे मलबे में दबे लोगों की जान बचाने में मदद करेंगे। दरअसल तकनीक इंसान को इतना आगे ले जाती है कि हर नामुमकिन चीज भी संभव होने लगती है। ऐसा ही कुछ तंजानिया में हुआ है यहां एक वैज्ञानिक ने ऐसा सिस्टम डेवलप किया है, जिसकी मदद से चूहे मलबे में फंसे लोगों का पता लगा सकते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर चूहे ऐसा कैसे कर सकते है?
चूहे ऐसे करेंगे काम
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इसके लिए अफ्रीका के वैज्ञानिकों और अपोपो नाम के एक एनजीओ ने चूहों को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है। अपनी पीठ पर बैठ टांगे ये चूहे रेस्क्यू टीम की मदद कर मलबे में फंसे लोगों की जान बचा सकेंगे। चूहों की पीठ पर टंगे बैग में माइक्रोफोन, वीडियो डिवाइस और लोकेशन ट्रैकर रखा जाएगा। इन चीजों के जरिए बचाव कर्मी मलबे में फंसे लोगों से संपर्क कर पाएंगे। इसके साथ ही उनकी लोकेशन का पता लगाकर उनकी जान बचा पाएंगे।
I train these clever creatures to save victims trapped in collapsed buildings after earthquakes. We kit them out with a rat backpack, and train them to trigger a switch when they find a victim & come back for a tasty treat 🐀#herosnotpests #science #weirdjobs #WomenInSTEM pic.twitter.com/728IQv70NX
— Dr Donna Kean (@donnaeilidhkean) May 26, 2022
जानें कोनसे प्रजाति के हैं ये चूहे
यह काम एक प्रक्रिया पूर्ण है। जिसके बारे में कई तरह की जानकारी हमें मिली है। दरअसल इस रिसर्च को डॉ. डोना कीन लीड कर रहीं है, उनका कहना है कि अब तक 7 चूहों का इस प्रोजेक्ट के लिए ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इन चूहों ने सिर्फ दो हफ्ते में सब कुछ सीख लिया है। प्रोजेक्ट के लिए चुने गए चूहे अफ्रीका में मिलने वाली पाउच्ड रैट्स प्रजाति के हैं। इनका नाम ‘हीरो रैट्स’ रखा गया है।
**Please retweet** Do you want to help train these heroes🐭 to find trapped humans, fight wildlife smuggling, detect disease & clean up the environment? If you have a PhD & experience with animals apply now #weirdjobs #jobsearch #job #research #sciencehttps://t.co/tVj9XgSTYV pic.twitter.com/QLxzO0TEc3
— Dr Donna Kean (@donnaeilidhkean) May 30, 2022
इन चूहों में ये है खास बातें
जानकारी के मुताबिक, इन चूहों को इसलिए चुना गया है, क्योंकि इन्हें ट्रेनिंग देना बहुत ही आसान होता है। इसके साथ ही इन चूहों में सूंघने की क्षमता भी ज्यादा होती है। ये चूहे छोटी से छोटी जगह पर आसानी से घुस जाते हैं। चूहे औसतन 6 से 8 साल जीते हैं और उन्हें खिलाना-पिलाना भी किफायती होता है। साथ ही ये चूहे ज्यादातर बीमारियों से बचने में कामयाब होते हैं।
इस देश में काम करेंगे चूहे
डॉ. कीन के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के लिए एक साथ 170 चूहों को ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंग पूरी होने पर इन चूहों को सर्च और रेस्क्यू टीम के साथ काम करने के लिए तुर्की भेजा जाएगा, जहां से अक्सर भूकंप के मामले सामने आते रहते हैं। फिलहाल चूहों को नकली मलबे में ट्रेनिंग दी जा रही है। अब देखना होगा कि फील्ड पर ये चूहे कैसे काम करते है।