वाशिंगटन. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा है कि अमेरिका बीबीसी के वृत्तचित्र से अवगत नहीं है, लेकिन वह वाशिंगटन और नयी दिल्ली को जोड़ने वाले साझा ‘‘लोकतांत्रिक मूल्यों” से पूरी तरह से अवगत है। बीबीसी ने ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो भाग में एक नयी सीरीज तैयार की है।
बीबीसी का दावा है कि यह सीरीज गुजरात में 2002 में हुए दंगों के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल करती है। गुजरात दंगे के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका की नयी दिल्ली के साथ उन मूल्यों पर आधारित ‘‘असाधारण गहरी साझेदारी” है, जो अमेरिका और भारत के लोकतंत्र में निहित हैं।
जब एक पाकिस्तानी पत्रकार ने प्राइस से बीबीसी के वृत्तचित्र के बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे (2002 के गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी के) उस वृत्तचित्र के बारे में जानकारी नहीं है, जिसकी आप बात कर रहे हैं। मैं उन साझा मूल्यों से पूरी तरह परिचित हूं, जो अमेरिका और भारत को दो संपन्न एवं जीवंत लोकतंत्रों के रूप में जोड़ते हैं।”
I am not aware of (BBC) documentary. There are a number of elements that undergird global strategic partnership that we’ve with our Indian partners. There are close political, economic & exceptionally deep people-to-people ties between US & India: Ned Price, US Dept of State Spox pic.twitter.com/Ifwtl4xdSR
— ANI (@ANI) January 24, 2023
प्राइस ने कहा कि नयी दिल्ली के साथ वाशिंगटन की वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने वाले कई तत्व हैं, जिनमें राजनीतिक, आर्थिक और लोगों के बीच आपसी संबंध शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मोटे तौर पर कहूंगा कि ऐसे कई तत्व हैं, जो हमारे भारतीय भागीदारों के साथ वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को रेखांकित करते हैं। (दोनों देशों के बीच) घनिष्ठ राजनीतिक और आर्थिक संबंध हैं। अमेरिका और भारत के लोगों के बीच असाधारण रूप से गहरे संबंध हैं।”
भारतीय विदेश मंत्रालय ने दो भागों वाले इस वृत्तचित्र को ‘दुष्प्रचार का एक हिस्सा’ करार देते हुए सिरे से खारिज कर दिया है और कहा है कि इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से झलकती है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बीबीसी के इस वृत्तचित्र पर कहा था कि यह एक ‘‘गलत आख्यान” को आगे बढ़ाने के लिए दुष्प्रचार का एक हिस्सा है। बागची ने कहा था, ‘‘मुझे यह बात स्पष्ट करने दें… हमारा मानना है कि यह दुष्प्रचार का एक हिस्सा है, जो एक ‘गलत आख्यान’ विशेष को आगे बढ़ाने का प्रयास है। इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से झलकती है।”
भारत ने बीबीसी के वृत्तचित्र ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ का लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को 21 जनवरी को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पिछले सप्ताह बीबीसी के विवादास्पद वृत्तचित्र को लेकर प्रधानमंत्री मोदी का बचाव करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी का ‘‘जो चरित्र चित्रण किया गया है, वह उससे सहमत नहीं हैं।”