नई दिल्ली. जहां एक तरफ तुर्की और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप और उसके बाद के भयंकर और जानलेवा झटकों के कारण धराशायी हुई इमारतों में से और शवों के बरामद होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 8000 के भी पार चला गया है।
जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय
वहीं इस भयंकर आपदा में भी प्रकृति अपने ‘जीवन सृष्टि’ का कार्य बदस्तूर कर रही है। कहते हैं न की, ‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोय’। ऐसा कि कुछ हुआ राहत और बचाव कार्य के दौरान सीरिया में मलबे के बीच एक खुबसूरत सी बच्ची का जन्म हुआ। हालांकि बच्ची को छोड़कर परिवार के सभी सदस्यों की मौत हो गई। वहीं इस भयंकर भूकंप आने के 30 घंटे बाद मलबे से यह नवजात बच्ची मिली।
The child was born under rubble in Aleppo, Syria. The mother of the baby could not be saved, she died immediately after giving birth.#TurkeyEarthquake pic.twitter.com/3NPTC37QZk
— R Singh…🤸🤸 (@lonewolf_singh) February 7, 2023
और फिर मौत से जीती एक नयी ‘जिंदगी’
मामले पर न्यूयॉर्क टाइम्स को 34 वर्षीय खलील अल शमी ने बताया कि, बीते सोमवार को सीरिया के जिंदेरेस शहर में भूकंप के चलते उनके भाई का घर भी तबाह हो गया है। पूरी इमारत मलबे के ढेर में तब्दील हो गई थी। वह अपने भाई और अन्य परिजनों को तलाशने के लिए मलबे की खुदाई कर रहे थे। तभी इस दौरान उन्होंने अपनी भाभी के गर्भनाल से एक नजवात बच्ची को जुड़े हुए देखा।
उन्होंने तुरंत उन्होंने गर्भनाल काट दिया। बच्ची रोने लगी। उसे जैसे तैसे बाहर निकाला। मलबा को पूरी तरह से हटाया तो पता चला कि बच्ची की मां तो मर चुकी है। बच्ची फिलहाल अस्पताल में है और सुरक्षित है। खलील के मुताबिक, उनकी भाबी गर्भवती थीं और एक-दो दिन बाद वह बच्चे को जन्म देने वाली थीं, लेकिन भूकंप आने के बाद सदमे के चलते उन्होंने मलबे के अंदर ही इस फूल से बच्ची को जन्म दे दिया। करीब 30 घंटे बाद इस नवजात बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
इधर दुनियाभर के देशों ने तुर्की और सीरिया में बचाव एवं राहत कार्यों में मदद के लिए अपनी टीम भेजी है। तुर्की की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि 24,400 से अधिक आपातकालीनकर्मी मौके पर फिलहाल मौजूद हैं। वहीं भारत से राहत-बचाव दल तुर्किये पहुंच चुका है। भारत की मेडिकल टीम भी मौके पर है।
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