बेनेट ने इजराइल और अरब देशों के विदेश मंत्रियों के शिखर सम्मेलन को ऐतिहासिक बताया

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    यरुशलम: इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने रविवार को अमेरिका, इजराइल और चार अरब देशों के शीर्ष राजनयिकों के शिखर सम्मेलन को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यहूदी राष्ट्र अपने पुराने संबंधों को उन्नत बनाते हुए नए रिश्तों का निर्माण कर रहा है।

    बेनेट ने यरुशलम में साप्ताहिक कैबिनेट बैठक की शुरुआत के मौके पर कहा, “यह बहुत ही खुशी का दिन है। हम यहां इजराइल में ‘नेगेव शिखर सम्मेलन’ की मेजबानी कर रहे हैं। मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मोरक्को और बहरीन के विदेश मंत्री अपने इजराइली समकक्ष येर लापिद व अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ बैठक के लिए डि बोकर पहुंचेंगे।”

    उन्होंने जोर देकर कहा, “जिन लोगों ने अभी तक ध्यान नहीं दिया है, उन्हें मैं बताना चाहूंगा कि दूसरे देशों से इजराइल के रिश्ते अच्छे दौर से गुजर रहे हैं। इजराइल वैश्विक और क्षेत्रीय मंच पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। हम अपने पुराने संबंधों को उन्नत कर रहे हैं और नए रिश्तों का निर्माण कर रहे हैं।” बीते मंगलवार बेनेट ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी और अबू धाबी के शहजादे मोहम्मद बिन जायद से मिस्र के शर्म अल-शेख रिसॉर्ट में मुलाकात की थी। उन्होंने इस मुलाकात को ‘निर्णायक पल’ बताया था।

    इजराइली प्रधानमंत्री ने कहा, “मिस्र के साथ हुआ हमारा सबसे पुराना शांति समझौता नवीनतम अब्राहम समझौते से मिला। खाड़ी क्षेत्र के उदार देशों के साथ रिश्ते कायम करने के लिए हम सभी इन संबंधों में अधिक से अधिक पहलू-राजनयिक, आर्थिक और सुरक्षा आदि जोड़ रहे हैं। मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि डि बोकर में होने वाली बैठक में भी यह जारी रहेगा।”

    नेगेव शिखर सम्मेलन इजराइल के सुदूर नेगेव डेजर्ट फार्म में आयोजित होने वाला है, जिसे डि बोकर के नाम से भी जाना जाता है और जो देश के पहले प्रधानमंत्री डेविड बेन गुरियन का गृहक्षेत्र भी है। यह 2020 में अब्राहम समझौते पर दस्तखत के बाद इन देशों के बीच लंबे और गहन कूटनीतिक विचार-विमर्श के बाद हो रहा है। 

    ईरान के विवादित परमाणु कार्यक्रम को लेकर उस पर कटाक्ष करते हुए बेनेट ने कहा, “खाड़ी क्षेत्र में एक ऐसा देश है, जो हिंसा और अवरोध पैदा कर रहा है। वहीं, अन्य देश हैं, जो सहयोग, समृद्धि और शांति पर जोर दे रहे हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि अरब जगत इस बात को समझता है कि इजराइल हमेशा शांति और सहयोग के रास्ते पर चलता आया है।

    बेनेट ने कहा, “हम जहां शांति पर चर्चा कर रहे हैं, वहीं एक देश ऐसा भी है, जो युद्ध के लिए उकसाना और हमले करना बंद नहीं कर रहा। सप्ताहांत में सऊदी अरब के खिलाफ ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड द्वारा समर्थित हूती विद्गोहियों के हमले ने हमें एक बार फिर इसकी याद दिलाई है।” 

    यूएई ने 2020 में अमेरिका की मध्यस्थता में हुए अब्राहम समझौते के तहत इजराइल के साथ राजनयिक संबंध कायम करने की सहमति जताई थी। आगे चलकर बहरीन और मोरक्को ने भी इसका अनुसरण किया था, जबकि सूडान ने इजराइल के साथ रिश्ते सामान्य करने की हामी भरी थी। हालांकि, उसने फिलहाल कोई समझौता नहीं किया है।

    तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में हुए इन समझौतों ने लंबे समय से चली आ रही इस धारणा को चुनौती दी है कि अरब जगत और इजराइल के बीच तब तक कोई रिश्ते कायम नहीं हो सकते, जब तक फलस्तीन का मुद्दा नहीं सुलझा लिया जाता।

    नेगेव शिखर सम्मेलन की शुरुआत से पहले ब्लिंकन ने रविवार को यरुशलम में लापिद और इजराइली राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग से मुलाकात की। वह फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मिलने के लिए वेस्ट बैंक के रामल्ला शहर का भी दौरा करने वाले थे। इस दौरान लापिद ने कहा, “ईरान अकेले इजराइल के लिए समस्या नहीं है। पूरी दुनिया परमाणु शक्ति संपन्न ईरान को झेल नहीं कर सकती। वह ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड कोर का आतंक फैलाना जारी रखना बर्दाश्त नहीं कर सकती।”

    इजरायली विदेश मंत्री ने कहा कि तेल अवीव और वाशिंगटन ईरान को परमाणु ताकत हासिल करने से रोकने की दिशा में साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। इस बीच, ब्लिंकन ने इजराइली राष्ट्रपति से मुलाकात में अब्राहम समझौते की तारीफ की। उन्होंने कहा कि नेगेव में आज जो होने जा रहा है, कुछ साल पहले तक उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।

    नेगेव शिखर सम्मेलन में लापिद और ब्लिंकन के अलावा यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद, बहरीन के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल लतीफ बिन राशिद अल जायानी, मोरक्को के विदेश मंत्री नासिर बौरीता और मिस्र के विदेश मंत्री समेह शौकी हिस्सा लेंगे।