चीन: चीन (China) हमेशा किसी न किसी चीज़ को लेकर रिसर्च (China Experiment) करता रहता है। जो एक चर्चा का विषय बन जाता है। चीन साइंस और टेक्नोलॉजी (Science and Technology) के सेक्टर में काफी आगे बढ़ रहा है। हाल ही में देश ने ‘नकली सूरज’ (Artificial Sun) बनाया था। वहीं अब चीन ‘नकली चांद’ (Artificial Moon) भी बना लिया है। चीन के अनुसार, इस नकली चांद से बिजली खर्च में काफी कमी आएगी। यह जीरो ग्रैविटी (Zero Gravity Moon) वाला है।
रिपोर्ट की मानें तो चीन के वैज्ञानिकों (Scientist) ने इस नकली चांद पर चुंबकीय शक्ति की जांच की है। चीन का इसे बनाने के पीछे कई उद्देश्य हैं। इनमें से पहला मकसद भविष्य में चुंबकीय शक्ति से चलने वाले यान तैयार करना और ट्रांसपोर्टेशन के नए साधन की खोज करना है। इसके अलावा चीन चांद पर जीवन भी बसाना चाहता है। चाइना यूनिवर्सिटी ऑफ माइनिंग एंड टेक्नोलॉजी (China University of Mining and Technology) के जियोटेक्निकल इंजीनियर ली रुईलिन ने बताया कि, साल 2022 के अंत तक वह इस नकली चांद में काफी शक्तिशाली चुंबकीय शक्ति वाला वैक्यूम चैंबर बना लेगा, जिसका व्यास 2 फीट होगा।
China builds ‘artificial moon’ for gravity experiment https://t.co/op6s1l2jHf pic.twitter.com/WDIAEVXXoH
— SPACE.com (@SPACEdotcom) January 16, 2022
फिर इस चैंबर को पत्थरों और धूल से भरकर चांद की तरह एक सतह बनाई जाएगी। उसके बाद इस एक्सपेरिमेंट (Experiment) के सफल होने पर इसे चांद (Moon) पर भेजा जाएगा। ज्ञात हो कि साल 2029 तक चीन चांद के दक्षिणी ध्रुव पर एक इंसानी रिसर्च सेंटर बनाने के बारे में भी सोच रहा है। इस नकली चांद (Artificial Moon) की एक और खासियत ये होगी कि बड़ी से बड़ी आपदा में भी ब्लैकआउट (Blackout) नहीं होगा। वहीं भूकंप (Earthquake) और बाढ़ (Flood) में भी ये रोशनी देता रहेगा।
नकली चांद की मदद से स्ट्रीट लाइट पर आने वाले खर्च में भी काफी पैसे बचेंगे। इसकी मदद से इलेक्ट्रिसिटी काफी सस्ती हो जाएगी। इसे लेकर वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि 50 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में इस नकली चांद की वजह से जो रोशनी आएगी उससे बिजली पर आने वाले खर्च में हर साल 1।2 अरब युआन यानी 17।3 करोड़ डॉलर बचाए जा सकते हैं। जो काफी किफायती साबित हो सकता है।