लाहौर. लाहौर में पुलिस और कट्टरपंथी इस्लामी सदस्यों के बीच झड़प में शनिवार को छह और लोगों की मौत होने के साथ ही मृतकों की संख्या दस हो गई। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के आठ हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने अपनी पार्टी के प्रमुख साद हुसैन रिजवी की रिहाई और फ्रांस के राजदूत को पैगंबर मोहम्मद के कार्टून के मुद्दे पर निष्कासन की मांग को लेकर इस्लामाबाद तक के लिए जुलूस की शुरुआत की, जिस दौरान दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई। मरने वालों में तीन पुलिसकर्मी और सात टीएलपी के कार्यकर्ता थे।
पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय ने पुष्टि की कि शनिवार को एक और पुलिसकर्मी की मौत हो गई, जबकि टीएलपी ने दावा किया कि लाहौर में प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने पांच और कार्यकर्ताओं को मार डाला। एक दिन पहले पुलिसकर्मियों और इस्लामी कट्टरपंथियों के बीच हुई हिंसक झड़प में दो पुलिसकर्मियों और दो कट्टरपंथियों की मौत हो गई थी।
टीएलपी के पदाधिकारी इब्न-ए-इस्माइल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘लाहौर में पुलिस की गोलीबारी में टीएलपी के सात कार्यकर्ता मारे गए और 700 से अधिक लोग अभी तक जख्मी हुए हैं।” लाहौर के बाहरी इलाके राणा टाउन में शनिवार को पुलिस और रेंजरों की टीएलपी कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हुई।
लाहौर पुलिस के एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “शाहदरा और आसपास के इलाके युद्धभूमि में तब्दील हो गए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, जबकि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया।”
उन्होंने कहा कि रेंजर पुलिस बल के पीछे रहे और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने में उन्होंने सीधे तौर पर हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने कहा, “कुछ प्रदर्शनकारी मरने वालों का शव इस्लामाबाद में दफनाने पर जोर दे रहे थे जिसके बाद अधिकारियों ने उन्हें लाहौर से बाहर जाने की अनुमति दी।”
सूत्र ने बताया कि करीब आठ हजार टीएलपी कार्यकर्ताओं को ‘‘लाहौर छोड़ने की अनुमति” दी गई। उन्होंने कहा, “इस्लामी कार्यकर्ता बस, कार, मोटरसाइकिल, पैदल और संघर्ष के दौरान पुलिस से छीनी गई गाड़ियों में राजधानी की तरफ जा रहे हैं।”
खबर लिखे जाने तक टीएलपी का कारवां लाहौर से 45 किलोमीटर दूर काला शाह काकू इलाके से गुजर रहा था। लाहौर लगातार दूसरे दिन देश से शेष हिस्सों से कटा रहा क्योंकि कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने सभी प्रवेश एवं निकास बिंदुओं को जाम कर दिया है। शहर के अधिकतर इलाकों में शाम तक इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद थीं।
पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने एक बयान में कहा, “टीएलपी कार्यकर्ताओं के साथ संघर्ष में तीन पुलिसकर्मी मारे गए। हम उनकी कुर्बानी को सलाम करते हैं। पुलिसकर्मियों की हत्या में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने संघर्ष में घायल पुलिसकर्मियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए। इस बीच गृह मंत्री शेख राशिद अहमद प्रधानमंत्री इमरान खान के निर्देश पर स्वदेश लौट गए जो भारत और पाकिस्तान के बीच रविवार को होने वाले टी-20 क्रिकेट विश्व कप का मैच देखने के लिए दुबई गए हुए थे। पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने कहा, “राशिद और दो अन्य मंत्री लाहौर में टीएलपी के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत कर रहे हैं।” (एजेंसी)