Kovid-19: Investigation done in private laboratories in Noida, eight people report wrong

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     नई दिल्ली: जब दुनिया सार्स-कोव-2 के अत्यधिक उत्परिवर्तित ओमीक्रोन स्वरूप (Omicron) से जूझ रही है, वैज्ञानिकों ने दक्षिणी फ्रांस में कोविड-19 के नये स्वरूप की पहचान की है। ‘आईएचयू’ (IHU) के रूप में नामित बी.1.640.2 संस्करण को ‘आईएचयू मेडिटेरेनी इंफेक्शन’ के शोधकर्ताओं ने कम से कम 12 मामलों में पाया है। इसे अफ्रीकी देश कैमरून की यात्रा से जोड़कर देखा जा रहा है।

    हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि जहां तक संक्रमण और टीकों से सुरक्षा का संबंध है, तो इस बारे में अभी अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी। स्वास्थ्य विज्ञान के बारे में अप्रकाशित पांडुलिपियों को प्रकाशित करने वाली इंटरनेट साइट मेडआर्काइव पर 29 दिसंबर को पोस्ट किए गए अध्ययन से पता चला है कि आईएचयू में 46 म्यूटेशन और 37 विलोपन हैं, जिसके परिणामस्वरूप 30 अमीनो एसिड प्रतिस्थापन और 12 विलोपन होते हैं। अमीनो एसिड ऐसे अणु होते हैं, जो प्रोटीन बनाने के लिए गठबंधन करते हैं और दोनों जीवन के निर्माण खंड हैं।

    वर्तमान में उपयोग किए जाने वाले अधिकांश टीके सार्स-कोव-2 के स्पाइक प्रोटीन पर लक्षित होते हैं। ये वायरस कोशिकाओं में प्रवेश करने और संक्रमण के लिए इन्ही प्रोटीन को निशाना बनाते हैं। एन501वाई और ई484के म्यूटेशन पहले बीटा, गामा, थीटा और ओमीक्रोन स्वरूप में भी पाए गए थे।

    अध्ययन के लेखकों ने कहा है, ‘‘यहां प्राप्त जीनोम के उत्परिवर्तन सेट और फाइलोजेनेटिक स्थिति हमारी पिछली परिभाषा के आधार पर आईएचयू नामक एक नए संस्करण की ओर इंगित करती है।” बी.1.640.2 को अब तक अन्य देशों में पहचाना नहीं गया है या विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जांच के तहत किसी प्रकार का लेबल नहीं लगाया गया है।

    एपिडेमियोलॉजिस्ट एरिक फीगल-डिंग ने एक लंबा ट्विटर थ्रेड पोस्ट किया जिसमें उन्होंने कहा कि नए स्वरूप सामने आते रहते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे अधिक खतरनाक होंगे। फीगल-डिंग ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘जो चीज किसी वैरिएंट को अधिक खतरनाक बनाती है, वह है मूल वायरस की तुलना में वह कितना गुना उत्परिवर्तन होती है।”

    कई देश फिलहाल कोरोना ओमीक्रोन स्वरूप के मामले में आए उछाल से त्रस्त हैं। इस स्वरूप की पहचान दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना में पिछले वर्ष नवम्बर में की गयी थी। उसके बाद से ओमीक्रोन 100 देशों में फैल चुका है।  भारत में अब तक 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ओमीक्रोन स्वरूप के संक्रमण के कुल 1892 मामले सामने आए हैं।