
हरारे: जिम्बाब्वे (Zimbabwe) के राष्ट्रपति एमर्सन एमनांगाग्वा (Emmerson Mnangagwa) ने हाल में घोषणा की कि देश में आम चुनाव 23 अगस्त को होंगे जिसे लेकर लोगों में उम्मीद और निराशा दोनों तरह की भावनाएं हैं। देश की राजधानी हरारे (Harare) में बिजली का काम करने वाले मुनियारदजी मुशावतु ने चुनाव को लेकर खुशी और आशंका जताते हुए कहा, ‘‘1990 के बाद से मैंने हर चुनाव में मतदान किया है। मेरी आवाज सुनी जाए, इसके लिए मैं और इंतजार नहीं सकता। मैं तैयार हूं।”
लेकिन निराशा भरे लहजे में उन्होंने याद किया कि दशकों बाद भी देश में पक्षपातपूर्ण चुनावी माहौल बरकरार है। 56 वर्षीय मुशावतु ने कहा, ‘‘चुनाव की तारीख नयी है। पुराने गतिरोध अब भी बरकरार हैं।”
1980 में श्वेत अल्पसंख्यक शासन से आजाद होने के बाद से जिम्बाब्वे में चुनाव में धोखाधड़ी, हिंसा और विपक्षी सदस्यों के उत्पीड़न के आरोप लगते रहे हैं। देश में तख्तापलट के बाद 2018 में पहली बार चुनाव हुआ था। इस चुनाव के बाद सुधार के वादों के साथ एमनांगाग्वा ने शासन की बागडोर संभाली।
उन्होंने जिम्बाब्वे में लंबे समय तक शासन करने वाले निरंकुश शासक रॉबर्ट मुगाबे की जगह ली। जिम्बाब्वे में कई लोगों को इस चुनाव से उम्मीदें हैं। विपक्षी दल और कुछ मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि माहौल सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में बनाया जा रहा हैं। कुछ लोगों का दावा है कि खुद को सुधारवादी के तौर पर पेश करने वाले एमनांगाग्वा सत्ता से हटाए गए लोगों की तुलना में कहीं अधिक दमनकारी हैं। (एजेंसी)