जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन ने ईरान पर परमाणु स्थलों तक पहुंच के लिये बनाया दबाव

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बर्लिन. परमाणु ऊर्जा पर नजर रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के बोर्ड ने शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित कर ईरान पर दबाव बनाया कि वह उन स्थलों पर निरीक्षकों को पहुंच मुहैया कराए, जहां माना जाता है कि देश ने अपनी अघोषित परमाणु सामग्री का भंडारण या इस्तेमाल किया है। विएना स्थित अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (एआईईए) में रूस के राजदूत मिखाइल उल्यानोव ने ट्वीट किया कि उनके देश और चीन ने आईएईए बोर्ड की बैठक में बर्लिन, फ्रांस एवं ब्रिटेन द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। उल्यानोव ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि यह प्रस्ताव प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।” इस हफ्ते के शुरू में एजेंसी के महानिदेशक मारियानो ग्रोस्सी ने चिंता दोहराई थी कि ईरान दो स्थानों पर जांच के लिये उसके निरीक्षकों को चार महीने से अनुमति नहीं दे रहा है।

उन्होंने कहा “हम चाहते हैं कि संभावित अघोषित परमाणु सामग्री और परमाणु संबंधी गतिविधियों संबंधी हमारे सवालों का जवाब दिया जाए।” ऐसा माना जाता है कि ईरान द्वारा वैश्विक शक्तियों के साथ 2015 में परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने से पहले इन स्थलों पर 2000 के दशक की शुरुआत से परमाणु गतिविधियां चालू हैं। ईरान का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी को इन स्थलों के निरीक्षण का कोई अधिकार नहीं है। वहीं एजेंसी में ईरान के प्रतिनिधि काजिम गरीबाबादी ने कहा कि उनका देश इस प्रस्ताव को खारिज करता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रस्ताव स्वीकार करने के कतई योग्य नहीं लगता।” (एजेंसी)