
बीजिंग: चीन (China) ने देश में बढ़ती बुजुर्गों की आबादी और गिरती जन्म दर के बीच पहली बार हाल के वर्षों में समग्र जनसंख्या (population) में गिरावट आने की घोषणा की है। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (National Bureau of Statistics) के अनुसार, देश में पिछले वर्ष की तुलना में 2022 के अंत में आबादी 8,50,000 कम रही। यह ब्यूरो हांगकांग, मकाओ और स्वशासी ताइवान के साथ-साथ विदेशी निवासियों को छोड़कर केवल चीन की मुख्य भूमि की आबादी की गणना करता है। वहीँ सवाल यह भी उठ रहे हैं कहीं ये कोरोना का कहर तो नहीं। जिसमें यहां लाखों लोगों की मौत हुई है। फिलहाल चीन ने इस बात की पुस्टि नहीं की है।
ब्यूरो ने मंगलवार को बताया कि 1.041 करोड़ लोगों की मौत के मुकाबले 95.6 लाख लोगों के जन्म के साथ देश की आबादी 1.411.75 अरब रह गई। इनमें से 72.206 करोड़ पुरुष और 68.969 करोड़ महिलाएं हैं। चीन लंबे समय से दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश रहा है, लेकिन जल्द ही भारत के इसे पीछे छोड़ने की संभावना है।
चीन ने बीते शनिवार को बताया कि देश के अस्पतालों में पिछले 30 दिनों में लगभग 60 हजार लोगों की मौत हुई है। चीन का यह कदम दरअसल WHO द्वारा की जा रही उन आलोचनाओं के बाद आया है कि चीन महामारी की गंभीर स्थिति से संबंधित खबरों को दबा रहा है।
वहीं दूसरी ओर चीन की आर्थिक विकास दर 3% तक निचे गिर गई है। कोरोना की मार झेल रहे चीन को अपनी नीतियों से खासा नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे में अब एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, चीन में बीते साल जटिल कोरोना पाबंदियों, रियल एस्टेट मंदी के चलते वहां आर्थिक विकास में 3% गिरावट दिखी है।