King-Charles-III
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    लंदन: ब्रिटेन के महाराज के रूप में राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में महाराज चार्ल्स तृतीय ने शुक्रवार को कहा कि वह महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन से बहुत दुखी हैं और ‘जीवन पर्यंत’ राष्ट्र की सेवा करने का उनका काम जारी रखेंगे। बृहस्पतिवार को महारानी के निधन के बाद चार्ल्स ने राजगद्दी संभाली। उन्हें ‘महाराज चार्ल्स तृतीय’ की उपाधि दी गई है।

    महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 साल की उम्र में गुरुवार को बाल्मोरल कैसल में निधन हो गया। ब्रिटेन के राष्ट्र ने शाही शोक का समय शुरू कर दिया है, संसद में रानी को श्रद्धांजलि दी जा रही है। किंग्स चार्ल्स ने महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद पहली बार लोगों को संबोधित किया। इस दौरान वे भावुक भी हुए। उन्होंने कहा कि महारानी ने ब्रिटेन की सेवा की। उनका चले जाना पूरे देश के लिए दुख की घड़ी है।

    चार्ल्स ने कहा, ‘‘जीवनपर्यंत सेवा के इस वादे को मैं आज फिर से दोहराता हूं।” भाषण के दौरान उनकी डेस्क पर दिवंगत महारानी की तस्वीर रखी थी। चार्ल्स का भाषण टीवी पर और सेंट पॉल्स कैथेड्रल में प्रसारित किया गया, जहां करीब 2,000 लोग महारानी की याद में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में हिस्सा ले रहे हैं। इनमें प्रधानमंत्री लिज ट्रस और सरकार के अन्य सदस्य शामिल हैं।

    किंग चार्ल्स III ने कहा कि 1947 में अपने 21वें जन्मदिन पर क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय ने केपटाउन से कॉमनवेल्थ तक एक प्रसारण में प्रतिज्ञा की कि वह अपने लोगों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर देंगी। यह एक वादे से कहीं अधिक था, यह एक गहन व्यक्तिगत प्रतिबद्धता थी, जिसने उनके पूरे जीवन को परिभाषित किया।

    आपके प्यार और समर्पण के लिए धन्यवाद

    चार्ल्स III ने आगे कहा कि, मेरी प्यार मां के लिए, जब आप मेरे प्यारे स्वर्गीय पापा से मिलने के लिए अपनी अंतिम महान यात्रा शुरू कर रही हैं, तो मैं बस यह कहना चाहता हूं कि हमारे परिवार और राष्ट्र के परिवार के लिए आपके प्यार और समर्पण के लिए धन्यवाद। आपने इतने वर्षों तक इतनी लगन से सेवा की…। किंग चार्ल्स ने अपने सबसे बड़े बेटे विलियम और बहू केट को प्रिंस और प्रिंसेस ऑफ वेल्स घोषित किया।

    एलिजाबेथ द्वितीय ने 96 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

    बता दें कि, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 साल की उम्र में गुरुवार को बाल्मोरल कैसल में निधन हो गया। उन्होंने स्कॉटलैंड में अंतिम सांस ली। महारानी को श्रद्धांजलि देने के लिए बकिंघम पैलेस के बाहर बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। महारानी का अंतिम संस्कार 19 सितंबर को होगा।