कोपेनहेगन. यूरोप यात्रा के दूसरे दिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) डेनमार्क (Denmark) की राजधानी कोपेनहेगन (Copenhagen) पहुंचे हैं। यहां उन्होंने डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन (Danish Prime Minister Mette Frederiksen) से उनके आवास पर मुलाकात की। इसके बाद दोनों नेताओं की उपस्थिति में लेटर ऑफ इंटेंट और MoUs का आदान-प्रदान किया हुआ। इस दौरान दोनों देशों के बीच उर्जा और शिक्षा क्षेत्र के कई समझौतों पर सहमति बनी। डेनमार्क की पीएम ने बताया कि दोनों देशों के बीच ग्रीन एनर्जी को लेकर समझौता हुआ है। इस दौरान दोनों के बीच यूक्रेन संकट को लेकर भी चर्चा हुई।
डेनिश पीएम फ्रेडरिक्सन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में बोलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “आपके खूबसूरत देश में मेरी ये पहली यात्रा है और अक्टूबर में मुझे आपका स्वागत करने का मौका मिला। इन दोनों यात्राओं से हमारे संबंधों में निकटता आई है। हमारे दोनों देश लोकतंत्र और कानून के शासन जैसे मूल्यों को तो साझा करते ही हैं, साथ में हम दोनों की कई पूरक ताकत भी हैं।”
उन्होंने कहा, “200 से अधिक डेनिश कंपनियां भारत में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं जैसे पवन ऊर्जा, शिपिंग, कंसल्टेंसी, इंजीनियरिंग आदि। इन्हें भारत में बढ़ते ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और हमारे व्यापक आर्थिक सुधारों का लाभ मिल रहा है।”
We made an appeal to take the path of dialogues and strategy for an immediate ceasefire and solution to the problem in Ukraine: PM Narendra Modi in Copenhagen, Denmark pic.twitter.com/l4EMj8mauS
— ANI (@ANI) May 3, 2022
पीएम मोदी ने कहा, “आज हमने भारत-EU रिश्तों, इंडो-पैसिफिक और यूक्रेन सहित कई क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत की। हम आशा करते हैं कि भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता पर नेगोशिएशन यथाशीघ्र संपन्न होंगे।” उन्होंने कहा कि, “हमने एक फ्री, ओपन, समावेशी और नियम आधारित इंडो-पसिफ़िक क्षेत्र को सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया।”
Speaking at the joint press meet with PM Frederiksen. @Statsmin https://t.co/3uGqLdLop7
— Narendra Modi (@narendramodi) May 3, 2022
रूस-यूक्रेन युध्द पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “हमने यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम और समस्या के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति का रास्ता अपनाने की अपील की। मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत और डेनमार्क के संबंध नई ऊंचाई को प्राप्त करेंगे।”
वहीं, डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने कहा कि, डेनमार्क और भारत अपनी हरित सामरिक साझेदारी को कुछ ठोस परिणामों में बदलने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत सरकार का हरित बदलाव और भारत की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता बढ़ाने को लेकर महत्वाकांक्षाएं काफी ज़्यादा हैं।
डेनिश पीएम ने कहा, हमने कई मूल्यों को साझा किया। हम दो लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं और हम दोनों एक नियम से चलने वाले अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में विश्वास करते हैं। ऐसे समय में हमें अपने बीच के संबंधों को और भी मजबूत करने की जरूरत है। हमने यूक्रेन संकट पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, डेनमार्क और पूरे यूरोपीय संघ ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की कड़ी निंदा की। मेरा संदेश बहुत स्पष्ट है कि पुतिन ये युद्ध रोके और हत्याओं को समाप्त करें।