मास्को. यूक्रेन में भारत की शांति स्थापित करने की भूमिका को लेकर अमेरिका में अटकलों के बीच विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर सोमवार को दो दिवसीय यात्रा पर रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचे। यहां मंगलवार को उन्होंने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच आपसी हितों के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस के संबंध ‘असाधारण’ रूप से दृढ़ और समय की कसौटी पर खरे साबित हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब आर्थिक सहयोग बढ़ने की पृष्ठभूमि में अब दोनों देशों का उद्देश्य ए, संतुलित, परस्पर लाभकारी और दीर्घकालिक साझेदारी के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना होना चाहिए। बैठक के दौरान अपने शुरूआती संबोधन में जयशंकर ने कहा कि कोविड-19 महामारी, व्यापार एवं कारोबारी मुश्किलों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है।
External Affairs Minister Dr S Jaishankar and Russian Foreign Minister Sergei Lavrov met for a meeting in Moscow, Russia today.
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— ANI (@ANI) November 8, 2022
उन्होंने कहा, “अब हम यूक्रेन संघर्ष के परिणामों को इस मामले में सबसे ऊपर देख रहे हैं। आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के हमेशा बने रहने वाले मुद्दे भी हैं जिनका प्रगति तथा समृद्धि पर बाधाकारी असर होता है।” विदेश मंत्री ने कहा, “हमारी वार्ता में समग्र वैश्विक स्थिति और विशिष्ट क्षेत्रीय चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा।”
जयशंकर ने कहा, “बढ़ते बहुध्रुवीय और पुन: संतुलित विश्व में भारत और रूस एक दूसरे के सम्पर्क में हैं। हम ऐसा कर रहे हैं क्योंकि दोनों के बीच संबंध असाधारण रूप से दृढ़ और समय की कसौटी पर खरे साबित हुए हैं। मैं अपनी बातचीत को लेकर आशान्वित हूं।”
जयशंकर की रूस यात्रा का काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यह इंडोनेशिया के बाली में होने वाली जी20 समूह की शिखर बैठक से एक सप्ताह पहले हो रही है जहां यूक्रेन संघर्ष एवं इसके प्रभाव को लेकर सघन चर्चा होना तय माना जा रहा है। यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद जयशंकर की यह पहली मास्को यात्रा है।
विदेश मंत्री ने कहा, “हमारी बैठक हमारे संबंधों का आकलन करने और वैश्विक परिस्थितियों पर एक दूसरे के नजरिये को समझने के लिए है। जहां तक द्विपक्षीय संबंधों की बात है, हमारा उद्देश्य एक संतुलित, परस्पर लाभकारी और दीर्घकालिक साझेदारी के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना है।”
#WATCH | We have seen that India-Russia relationship has worked to advantage so if it works to my advantage I would like to keep that going: EAM S Jaishankar during a press briefing, in Moscow on Russian oil imports pic.twitter.com/ddcB7ryAfH
— ANI (@ANI) November 8, 2022
उन्होंने कहा कि खासतौर पर दोनों देशों आर्थिक संबंधों के बढ़ने के साथ यह महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा, “हम इस बात पर भी चर्चा करेंगे कि साझे लक्ष्यों को कैसे बेहतर तरीके साथ हासिल किया जा सकता है।”
जयशंकर ने कहा कि विभिन्न स्तरों पर दोनों देशों की सरकारों के बीच मजबूत और सतत संपर्क हैं। जयशंकर ने कोविड-19 महामारी, यूक्रेन संघर्ष के अलावा आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों आदि का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, “जहां तक अंतरराष्ट्रीय स्थिति का प्रश्न है, पिछले कुछ वर्षो में कोविड महामारी, वित्तीय दवाब और कारोबारी परेशानियों का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ा है।” (एजेंसी इनपुट के साथ)