पहले सिप्रियन फोयस पुरस्कार के लिए चुने गए 3 लोगों में भारतीय-अमेरिकी गणितज्ञ शामिल

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    वाशिंगटन. बर्कले के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले प्रख्यात भारतीय- अमेरिकी गणितज्ञ निखिल श्रीवास्तव को संयुक्त रूप से अमेरिकन मैथमैटिकल सोसाइटी (एएमएस) द्वारा ‘ऑपरेटर थ्योरी’ में पहले सिप्रियन फोयस पुरस्कार के लिए चुना गया है।

    श्रीवास्तव के अलावा, दो अन्य पुरस्कार विजेताओं में एडम मार्कस और डेनियल स्पीलमैन का नाम है। एडम मार्कस स्विट्ज़रलैंड में इकोले पॉलीटेक्निक फेडेरेल डी लॉज़ेन (ईपीएफएल) में ‘कॉम्बिनेश्रियल एनालिसिस’ के अध्यक्ष हैं जबकि स्पीलमैन कंप्यूटर साइंस के उत्कृष्ट प्राध्यापक, सांख्यिकी और डेटा विज्ञान तथा गणित के प्रोफेसर हैं।

    एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह पुरस्कार उनके अत्यधिक मौलिक कार्य को मान्यता देता है, जिसमें मैट्रिसेस के विशिष्ट बहुपद को समझने के तरीकों को सामने रखा गया और विकसित किया गया जिनमें ‘इटिरेटिव स्पार्सीफिकेशन’ विधि (बैट्सन के सहयोग से भी) और बहुपदों को जोड़ने की विधि यानी ‘इंटरलेसिंग पोलीनोमियल्स’ शामिल हैं। 

    एएमएस ने कहा, “साथ में, इन विचारों ने कई अनुप्रयोगों के साथ एक शक्तिशाली टूलकिट प्रदान किया, विशेष रूप से तीनों के बेहद सफल शोध पत्र “इंटरलेसिंग परिवार II: मिश्रित विशेषता बहुपद और कैडिसन-सिंगर प्रॉब्लम” (गणित के इतिहास, 2015) में, जो ऑपरेटर सिद्धांत में प्रसिद्ध “पेविंग प्रॉब्लम” को हल करता है जिसे 1959 में रिचर्ड कैडिसन और इसाडोर सिंगर द्वारा सूत्रित किया गया था।”  एक संयुक्त बयान में, तीन पुरस्कार विजेताओं ने कहा कि वे उन कई लोगों की ओर से इसे स्वीकार करना चाहते हैं जिनके काम ने कैडिसन-सिंगर प्रॉब्लम के समाधान में योगदान दिया।(एजेंसी)