हर बच्चे तक मुफ्त और बुनियादी शिक्षा की पहुंचे इस मकसद से मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

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    नई दिल्ली: किसी भी व्यक्ति के जीवन में शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षा हर व्यक्ति का एक बुनियादी मौलिक अधिकार है, लेकिन अभी भी दुनिया में कई बच्चों को बुनियादी शिक्षा प्राप्त करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ रहा है। जो व्यक्ति शिक्षित नहीं है, उसे अपने जीवन में बहुत संघर्षों से गुजरता है। किसी भी व्यक्ति का विकास शिक्षा पर निर्भर करता है। समाज में शांति और विकास के क्षेत्र में शिक्षा की अहम भूमिका को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 24 जनवरी का दिन अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (International Day of Education 2022) के रूप में घोषित किया। जिसके बाद से हर साल 24 जनवरी को हर साल अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

    अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की इस साल की थीम 

    हर साल अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस एक थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल के थीम ‘चेंजिंग कोर्स, ट्रांसफॉर्मिंग एजुकेशन’ है।  थीम का उद्देश्य पिछले दो वर्षों के प्रभाव को विश्व स्तर पर शिक्षा को देखने के तरीके को समझना और शिक्षा को एक बार फिर से सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए नए और अभिनव तरीके खोजना है।

     इंटरनेशनल डे ऑफ एजुकेशन के उद्देश्य 

    उल्लेखनीय है कि, इंटरनेशनल डे ऑफ एजुकेशन देश-दुनिया के अलग अलग हिस्सों में इसे अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। वहीं, इस मौके पर वैश्विक स्तर पर कई तरह के आयोजन भी किए जाते हैं। इन आयोजनों का मुख्य विषय लर्निंग, इनोवेशन और फाइनेंसिंग होता है। दूसरी तरफ, न्यूयॉर्क स्थित यूनेस्को मुख्यालय में इस तरह के वैश्विक आयोजन भी किए जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस हर छात्र को गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करने के विषय पर केंद्रित होता है। इसके साथ यह दिन दुनिया भर में शांति और विकास के लिए शिक्षा की भूमिका पर भी प्रकाश डालता है।

    2018 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने किया ऐलान

    संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 दिसंबर, 2018 को शांति और विकास के लिए शिक्षा की भूमिका को बढ़ावा देने के मकसद से हर साल 24 जनवरी के दिन अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। इस फैसले के बाद नाइजीरिया और 58 अन्य सदस्य राष्‍ट्रों ने ‘इंटरनेशनल डे ऑफ एजुकेशन’ को अपनाया।  जिसके बाद से हर बच्चे तक मुफ्त और बुनियादी शिक्षा की पहुंचे, इस उद्देश्य के साथ हर साल यह मनाया जाने लगा।