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    नई दिल्ली. जहाँ एक तरफ रूस और यूक्रेन (Russia Ukraine War) के बीच चल रहे जंग का आज 38वां दिन है। वहीं इन इन 38 दिनों में रूस ने लगातार हमले से यूक्रेन के कई बड़े शहरों को पूरी तरह तबाह कर दिया है। जी हाँ, करीब एक महीने से ज्यादा दिनों तक चल रही लड़ाई के बाद भी रूस, यूक्रेन पर हमले करना बिल्कुल भी कम नहीं कर रही है।

    लेकिन इसके उलट वहीं यूक्रेनी सेना भी हार मानने को कतई तैयार नहीं है। लेकिन अब तो यूक्रेन भी रूस को उसी के घर में घुस कर मार रही है। लेकिन अब वे उस पर टिप्पणी करने से भी इनकार कर रहे हैं।

    क्या है मामला 

    दरअसल यूक्रेन (Ukraine Army) की सेना ने अब रूस की सीमा में घुसकर जोरदार हमला किया है। बीते शुक्रवार को यूक्रेन मिलिट्री के दो हेलीकॉप्टर (Ukraine Military Helicopters) रूस के बेल्गोरोद (Belgorod) में घुसे और यहाँ के एक फ्यूल डिपो (Fuel Depot) पर ताबड़तोड़ हमला किया एयर स्ट्राइक की। जिसके बाद वहां आग लग गई और कई बड़े विस्फोट हुए। 

    वहीं बेल्गोरोद के गवर्नर व्याचेस्लाव ग्लैडकोव ने मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर बताया कि, हेलीकॉप्टरों ने कम ऊंचाई पर सीमा पार की। इसके बाद बाद फ्यूल डिपो (Fuel Storage)पर हमला किया। जिसके वजह से इस डिपो में आग लग गई।

    जेलेंस्की को पुतिन का डर!

    इधर अब हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूसी तेल के डिपो पर हमले का आदेश देने के सवाल पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। दरअसल फॉक्स न्यूज के साथ साक्षात्कार में जेलेंस्की ने कहा कि वह ‘सर्वोच्च कमांडर’ के तौर पर जो आदेश देते हैं, उस पर किसी के साथ कोई भी चर्चा नहीं करते।   

    हालाँकि इससे पहले यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव ने मास्को के उन आरोपों का खंडन किया था, जिसमें कहा गया था कि यूक्रेन के दो हेलीकॉप्टर ने शुक्रवार को बेल्गोरोद स्थित तेल के डिपो पर हमला किया था । बेल्गोरोद के गवर्नर ने भी इस बाबत कहा था कि डिपो में दो कर्मचारी घायल हुए। लेकिन रूस के मीडिया ने तेल कंपनी रोसनेफ्त के बयान का हवाला देते हुए किसी के भी घायल होने की खबर से साफ़ इनकार किया है।