China wants Jack Ma’s Alibaba to shed media assets

    Loading

    “जब मैं जो हूँ वो रहता हूँ मैं खुश रहता हूँ और अच्छे परिणाम मिलते हैं।’’ एक व्यक्ति जिसने दुनिया को इंटरनेट की वह ताकत दिखाई, जिसकी मदद से व्यक्ति फर्श से उठकर अर्श तक पहुंच सकता है।  हम जब भी चीन की बात करते हैं तो हमारे सामने जगमगाते शहर, दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक, तरक्की और जैक मा। वह नाम जिसने दुनिया में तकनीकी के क्षेत्र चीन का नाम सुनहरो अक्षर में लिख दिया।

    आज तक हम Made in China नाम से अनेक प्रोडक्ट्स लेते रहे है जिनकी गुणवत्ता को बेहतर नही मानते लेकिन, सस्ते होने के कारण दुनिया के पास कोई विकल्प नही था। उसी दौर में एक जैक मा नमक व्यक्ति आया और अपने अपने हुनर की बदौलत अपनी कंपनी अलीबाबा ग्रुप को दुनिया की टॉप 10 प्रमुख कंपनी की सूची में खड़ा कर दिया। जिसके बाद खुद चीन का सबसे अमीर आदमी और दुनिया का 18वा अमीर आदमी बन गया। दुनिया के इस जीनियस व्यक्ति के जन्मदिन पर आइये जानते है कि किस तरह उन्होंने अपना सफर तय किया।

    जैक मा का शुरूआती जीवन

    Jack Ma जैक मा का जन्म चीन के ज़ेजिआंग प्रान्त के हन्हाजु गाँव में हुआ था। जैक मा के माता-पिता का पारम्परिक गाकर बजाकर कहानिया सुनाने का काम किया करते थे। Jack Ma जैक मा को बचपन से ही अंग्रेजी के प्रति बेहद लगाव था। मा इंग्लिश सिखने के लिए  रोजाना साइकिल से पास के होटल पर जाते थे जहा अक्सर विदेशी नागरिक ठहरते थे। जैक मा शुरुआत में उनके साथ टूटी फूटी अंग्रेजी में बात करते थे क्योंकि चीन में चीनी मुख्य भाषा थी और अंग्रेजी सीखना जरुरी नही माना जाता था | अब वो अपने खाली समय में विदेशी लोगो को मुफ्त में शहर का गाइड करते थे जिससे उनकी प्रेक्टिस भी होती थी और उनकी अंग्रेजी में भी सुधार होता गया।  उन्होंने नौ सालो तक यही काम किया। 

    इन विदेशियों को गाइड करते करते एक विदेशी व्यक्ति से उनकी गहरी मित्रता हो गयी , जो उन्हें पत्र लिखा करता था और उसी विदेशी मित्र ने उन्हें जैक नाम दिया क्योंकि चीनी में उनका नाम बोलना और लिखना बड़ा कठिन था। क्योंकि, जैक मा का असली नाम मा यूँ  है। तब से पूरी दुनिया उन्हें जैक के नाम से ही जानती है।

    मा का छात्र जीवन 

    बचपन से ही Jack ma को असफलता का मुँह देखना पड़ा। Jack ma प्राथमिक विद्यालय परीक्षाओं में 2 बार फेल हुए। वे मिडिल स्कूल की परीक्षाओं के दौरान तीन बार असफल रहे। अपने हाई स्कूल के बाद विश्वविद्यालयों में आवेदन करते समय मा तीन बार प्रवेश परीक्षा में विफल रहे। उसके बाद उन्होंने Hangzhou Dianzi University जो एक साधारण सा university था। इंग्लिश सब्जेट से एडमिशन लिया।

    जब जैक मा अपना ग्रेजुएशन पूरा किया उस साल उनके यूनिवर्सिटी से 500 लोगो ने ग्रेजुएशन पूरा किया। उनमे से 499 लोगो को मिडिल स्कूल में पढ़ाने के लिए भेजा गया केवल जैक को यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का मौका मिला। यहाँ एक दिलचस्प बात यह है की उनको degree मिलने से पहले ही वो इंग्लिश टीचर बन गये थे। जैक मा के यूनिवर्सिटी के प्रेजिडेंट ने जैक को 5 साल तक वहां काम करने के लिए उनसे प्रॉमिस मांगी और जैक मा ने प्रॉमिस भी किया। 

    उन्हें वहां 10 डॉलर प्रति माह के हिसाब से सैलरी मिलती थी। सैलरी कम होने के वावजूद वे अपने प्रॉमिस को निभाते हुए, अंग्रेजी शिक्षक के रूप में 5 साल तक मेहनत के साथ काम किया। वे बेस्ट टीचर इन यूनिवर्सिटी भी चुने गए। 5 साल तक काम करने के बाद जैक मा ने यूनिवर्सिटी छोड़ दिया। इस दौरान Jack ने Harvard University 10 बार आवेदन किया, लेकिन उन्हें रिजेक्सन ही हाथ लगा। 

    जैक मा का करियर

    जैक मा ने करियर की शुरुआत काफी चुनौतीपूर्ण रही। जैक मा ने 30 अलग अलग जगहों पर नौकरी के लिए आवेदन किये लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी। जैक माँ सबसे पहले एक पुलिस की नौकरी के लिए आवेदन किया था लेकिन उनके डील डौल को देखकर उन्हें साफ मना कर दिया। इसके बाद वो एक बार KFC में भी नौकरी के लिए जब KFC पहली बार उनके शहर में आया था। इस नौकरी के लिए 24 लोगो ने आवेदन किया था जिसमें से 23 लोगों को चयन हो गया लेकिन एकमात्र जैक मा का चयन नहीं हुआ था। इससे पता चलता है कि जैक मा ने अपने करियर की शुरुआत में कितनी ठोकर खाई थी।

    जैक की एक उद्योगपति के रूप में शुरुआत 

    1994 में जैक मा ने पहली बार इंटरनेट का नाम सूना 1995 की शुरुआत में वो अपने दोस्तों की मदद से अमेरिका गये, जहां उन्होंने पहली बार इंटरनेट देखा। जैक मा ने इससे पहले कभी इंटरनेट नहीं चलाया था , उन्होंने जब पहली बार इन्टरनेट चलाया तो उन्होंने “beer ” शब्द खोजा। उन्हें Beer से संबंधित कई जानकारी अलग अलग देशो से प्राप्त हुयी लेकिन वो ये देखकर चौक गये कि उस सर्च में चीन का नाम कही नही था। अगले बार उन्होंने चीन के बारे में सामान्य जानकारी ढूंढने की कोशिश की लेकिन फिर वो चौक गये कि चीन की कोई जानकारी इंटरनेट  पर उपलब्ध नहीं थी।

    अपने देश की जानकारी इंटरनेट पर ना होने से जैक काफी दुखी हुए, क्योंकि इससे उन्हें लग गया था कि चीन तकनीकी क्षेत्र में अन्य देशो से काफी पीछे है और वो आगे बढ़ना ही नहीं चाहता। इसी वजह से उन्होंने अपने मित्र के साथ मिलकर चीन की जानकारी देने वाली पहली वेबसाइट “ugly” बनाई। इस वेबसाइट के बनाने के पांच घंटो के अंदर उन्हें कुछ चीनी लोगों के ईमेल आये जो जैक के बारे में जानना चाहते थे। तब जैक मा को एहसास हुआ कि इंटरनेट से बहुत कुछ किया जा सकता है।

    1995 में जैक मा ,उनकी पत्नी और दोस्तों ने मिलकर 20,000 डॉलर इखट्टे किये और एक कम्पनी की शुरुआत की। इस कम्पनी का मुख्य काम दुसरी कंपनियों के लिए वेबसाइट बनाना था। उन्होंने अपनी कम्पनी का नाम “China Yellow Pages” रखा था। तीन साल के अंदर उनकी कम्पनी ने 8 लाख डॉलर कमाए। अब जैक ने अपने अमेरिका के एक मित्र की मदद से चीनी कंपनियों के लिए भी वेबसाइट बनाना शूरू कर दिया। एक इंटरव्यू में जैक मा ने बताया था कि वो जब वेब से जुड़े तो वो अपने दोस्तों को घर पर टीवी देखने के लिए बुलाते थे क्योंकि उस दौर में उनके पास बहुत धीमा डायल-अप कनेक्शन था और आधा पेज बनाने में उनको साढ़े तीन घटें लगते थे। इस दौरान वो अपने घर पर अपने मित्रों के साथ मिलकर टीवी देखते और ताश खेलते थे।

    अलीबाबा की शुरुआत 

    मा ने पहली बार 33 वर्ष की उम्र में अपना पहला कंप्यूटर खरीदा था। 1998 से 1999 में Jack Ma जैक ने China International Electronic Commerce Center द्वारा स्थापित एक IT कम्पनी की अध्यक्षता का कार्य किया। 1999 में उन्होंने वहा से काम छोड़ दिया और हंजाऊ अपनी टीम के साथ लौट आये,  जहा उन्होंने अपने 17 दोस्तों के साथ मिलकर एक अपने घर से चीन की पहली B2B वेबसाइट अलीबाबा की स्थापना की। उन्होंने अलीबाबा के एक इतिहास रच दिया जो उन्होंने 5 लाख युआन से शुरू की और जिसके 79 मिलियन सदस्य 240 से ज्यादा देशों में फैले हुए है।

    अक्टूबर 1999 और जनवरी 2000 में अलीबाबा ने दो बार 25 मिलियन डॉलर का  international venture capital investment जीता था। अपने इस प्रोग्राम से वो अपने देश के  e-commerce मार्किट में सुधार लाना चाहते थे जो छोटे और मध्यमवर्गीय व्यवसायों को विश्व स्तर पर लेकर जाए।  Global e-commerce system को सुधारन के लिए 2003 में जैक मा ने Taobao Marketplace की स्थापना की , जिसके बढ़ते प्रभाव को देखते हुए eBay ने इसे खरीदने का ऑफर दिया। जैक मा ने eBay का प्रस्ताव ठुकरा दिया और इसकी बजाय उसने याहू के को-फाउंडर जेरी से 1 बिलियन डॉलर की सहायता ली।

    सितम्बर 2014 के आंकड़ो के अनुसार अलीबाबा ने New York Stock Exchange  में 25 बिलियन डॉलर की कम्पनी खडी कर दी। अलीबाबा इस राशि के साथ विश्व की सबसे प्रख्यात टेक कम्पनियों में गिनी जाने लगी। जैक मा वर्तमान में अलीबाबा ग्रुप के कार्यकारी अध्यक्ष है जिनकी दससहायक कंपनिया  Alibaba.com, Taobao Marketplace, Tmall, eTao, Alibaba Cloud Computing, Juhuasuan, 1688.com, AliExpress.com and Alipay कार्यरत है। नवम्बर 2012 में अलीबाबा का ऑनलाइन लेनदेन 1 ट्रिलियन युआन से भी आगे बढ़ गया।

    कैसे पड़ा कंपनी का नाम अलीबाबा?

    अमेरिका से चीन वापस आकर जैक ने बीटूबी कंपनी की शुरुआत की। जब कंपनी का नाम रखने की बात आई तो जैक को ऐसा नाम चाहिए था जिसे सब जानते हो।  इसी तरह सोचते-सोचते “Alibaba” का नाम उनके दिमाग में आया। एक दिन जैक  सैनफ्रांसिस्को के एक कॉफी शॉप में बैठे हुए थे, तभी वहां एक वेटरेस आती है। जैक उस वेटरेस से सवाल पूछते हैं, कि क्या तुम अलीबाबा को जानती हो? जवाब में वेटरेस कहती है वही ना – “खुल जा सिम सिम” ये सुनते ही जैक हां बोल देते हैं।

    जैक इसके अलावा गली में जाकर 30 और लोगों से पूछते हैं, ”क्या आप लोग अली बाबा को जानते हैं। सबका जवाब “हां” था। जैक ने सोचा Alibaba को सभी जानते है और दूसरे देश के लोग भी जानते है। इस तरह जैक मा ने अपनी कंपनी का नाम Alibaba रखा लिया।