लंदन: जासूसी (Spying) के आरोपों का सामना कर रहे वीकीलीक्स (Wikileaks) के संस्थापक जूलियन असांजे (Julian Assange) की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। ब्रिटेन के एक कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटाते हुए जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित करने का रास्ता हुआ साफ कर दिया है। अमेरिका प्रत्यर्पित (Extradite) करने के खिलाफ ब्रिटेन में जूलियन असांजे कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। वे फिलहाल ब्रिटेन की हाई सेक्युरिटी जेल में बंद हैं।
ब्रिटेन की एक अपीलीय अदालत ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए जूलियन असांज को अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने का रास्ता खोल दिया है। निचली अदालत ने विकीलीक्स के संस्थापक के मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देते हुए प्रत्यर्पण के अमेरिकी अनुरोध को खारिज कर दिया था। अपीलीय अदालत के इस फैसले के खिलाफ भी अपील किए जाने की संभावना है।
इस साल की शुरुआत में निचली अदालत के एक न्यायाधीश ने विकीलीक्स द्वारा एक दशक पहले गुप्त सैन्य दस्तावेजों का प्रकाशन किए जाने के मामले में जासूसी के आरोपों का सामना कर रहे असांज को अमेरिका प्रत्यर्पित करने के अमेरिकी अनुरोध को खारिज कर दिया था। निचली अदालत ने कहा था कि असांज का मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है और इसलिए उन्हें प्रत्यर्पित किया जाना उचित नहीं होगा।
रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी अभियोजकों ने असांजे को जासूसी के 17 आरोपों में अभ्यारोपित किया था और एक आरोप एक दशक पहले गुप्त अमेरिकी सैन्य दस्तावेजों के विकीलीक्स द्वारा प्रकाशन को लेकर कंप्यूटर के दुरुपयोग का है। इन आरोपों में उन्हें 175 साल की कैद हो सकती है।
दरअसल असांजे की परेशानियां तब शुरू हुई थी जब 2010 में स्वीडन (Sweden) के आग्रह पर लंदन (London) में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। स्वीडन भेजे जाने से बचने के लिए असांजे ने 2012 में लंदन स्थित इक्वेडोर के दूतावास में शरण ली थी। इस तरह वह ब्रिटेन और स्वीडन के अधिकारी की पहुंच से दूर हो गए थे। स्वीडन उनसे दो महिलाओं द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को लेकर सवाल-जवाब करना चाहता है। वहीं अप्रैल 2019 में दूतावास से बाहर आने पर ब्रिटिश पुलिस (British Police) ने उन्हें जमानत लेकर भागने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। वह तब से जेल में हैं।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)