Kamala Harris says- My mother's trust made me reach here

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न्यूयार्क: अमेरिका (America) की पहली महिला उप राष्ट्रपति बन कर इतिहास (History) रचने वाली कमला हैरिस (Kamala Harris) ने कहा है कि उनकी मां ने लगातार उन पर अपना भरोसा बनाए रखा और उनके इस भरोसे ने ही उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। उन्होंने अपनी मां को इस बात का भी श्रेय दिया है कि उन्होंने (उनकी मां ने) हमेशा अपनी दोनों बेटियों को यह बात याद दिलायी कि ‘‘भले ही हम पहले (यहां आकर अपने सपने साकार करने वाले) हो सकते हैं, लेकिन हम आखिरी नहीं होंगे।”

मां की बातों को याद रखा

हैरिस ने अपनी दिवंगत मां श्यामला गोपालन (Shyamla Gopalan) को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपने पूरे करियर के दौरान–सैन फ्रांसिस्को (San Francisco) में प्रथम महिला डिस्ट्रिक्ट अटार्नी से लेकर कैलिफोर्निया (California) की प्रथम महिला अटार्नी जनरल के तौर पर सेवा देने तक–और अमेरिकी सीनेट में कैलीफोर्निया (California) की प्रथम अश्वेत महिला के तौर पर प्रतिनधित्व करने तक हमेशा ही अपनी मां की बातों को याद रखा।

मेरी कहानी लाखों अमेरिकी लोगों की कहानी है- हैरिस

गोपालन एक कैंसर अनुसंधानकर्ता और नागरिक अधिकार कार्यकता थीं। हैरिस (56) ने अमेरिका की प्रथम महिला उप राष्ट्रपति के तौर पर बुधवार को शपथ ग्रहण कर इतिहास रच दिया। वह प्रथम महिला, प्रथम अश्वेत और प्रथम दक्षिण एशियाई अमेरिकी हैं जो अमेरिका की उप राष्ट्रपति बनी हैं। हैरिस ने ‘प्रेंसीडेंशियल इनॉग्रल कमेटी’ के एक आधिकारिक कार्यक्रम में बुधवार को कहा, ‘‘मेरी कहानी लाखों अमेरिकी लोगों की कहानी है। मेरी मां श्यामला गोपालन भारत (India) से अमेरिका आई थी। उन्होंने मेरी बहन माया और मेरा लालन-पालन कर बड़ा किया तथा इस बात से अवगत कराया कि (यहां आकर सपने साकार करने वाले) भले ही हम पहले व्यक्ति होंगे, लेकिन हम आखिरी व्यक्ति नहीं होंगे।”

मां को दी श्रद्धांजिल 

बराक ओबामा (Barack Obama) के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान उन्हें ‘महिला ओबामा’ कहा जाता था। हैरिस ने छह साल पहले डगलस एमहॉफ से शादी की थी। उनके दो बच्चे, एला और कोल हैं। वह इन बच्चों की दूसरी मां हैं। उप राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से कुछ ही देर पहले हैरिस ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा कर उन महिलाओं और अपनी मां को श्रद्धांजिल दी जो उनसे पहले अपने बड़े अमेरिकी सपने को साकार करने भारत से यहां (अमेरिका) आई थी।

सबसे बड़ा श्रेय मेरी मां को जाता है- हैरिस

हैरिस ने कहा, ‘‘मैं यहां इसलिए हूं कि मुझसे पहले यहां अन्य महिलाएं आईं और आज यहां मेरी मौजूदगी का सबसे बड़ा श्रेय मेरी मां श्यामला गोपालन हैरिस को जाता है, जो सदा मेरे दिल में रहेंगी। ” उन्होंने कहा, ‘‘जब वह (श्यामला) भारत से यहां 19 साल की आयु में आई थी, शायद उन्होंने इस क्षण की कल्पना नहीं की होगी। लेकिन वह अमेरिका में इतना अधिक यकीन करती थी, जहां ऐसा क्षण संभव हो पाया। ” उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं ने सभी के लिए समानता,स्वतंत्रता और न्याय के लिए लड़ाई लड़ी तथा बलिदान दिया। इनमें अश्वेत महिलाएं भी शामिल हैं जिनकी अक्सर अनदेखी की जाती है लेकिन उन्होंने अक्सर ही साबित किया है कि वे हमारे लोकतंत्र की रीढ़ हैं।”

संसद के उच्च सदन में पहुंचने वाली वह पहली भारतीय-अमेरिकी हैं  हैरिस

कार्यक्रम की मेजबानी इम्पैक्ट ने की थी जो एक प्रमुख भारतीय-अमेरिकी हिमायती एवं राजनीतिक कार्य समिति है। हैरिस ने अपनी मां को याद करते हुए कहा, ‘‘मुझ पर आपके निरंतर विश्वास ने मुझे इस मुकाम पर पहुंचाया है।” उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल होने से पहले हैरिस की राष्ट्रपति बनने की ख्वाहिशें थी, लेकिन अपने प्रचार अभियान को चलाने के लिए जरूरी वित्तीय संसाधनों के अभाव के चलते उन्होंने यह विचार त्याग दिया। सीनेट में वह सिर्फ तीन एशियाई-अमेरिकी (Asian-American) में शामिल हैं और संसद के उच्च सदन में पहुंचने वाली वह पहली भारतीय-अमेरिकी हैं।