जानें क्रिसमस पर क्यों सजाते है पेड़, कैसे शुरू हुई परंपरा, इसका प्रभु यीशु के जन्म से क्या है संबंध

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    नई दिल्ली: पूरी दुनिया में क्रिसमस की तैयारियां बहुत धूमधाम से शुरू है। हम सब जानते है क्रिसमस के मौके पर लोग क्रिसमस ट्री को बेहद खूबसूरती से सजाते है। इस दिन प्रभु यीशु का जन्मदिन मनाया जाता है हर साल यह त्योहार 25 दिसंबर को पूरी दुनिया धूमधाम से मनाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर क्रिसमस के मौके पर ट्री को क्यों सजाया जाता है और इसका प्रभु यीशु से क्या कनेक्शन है? नहीं जानते ना? आइए आज हम आपको इससे जुड़े सभी सवाल के जवाब देने की कोशिश करते है…. 

    क्यों सजाते है ट्री 

    जैसे ही हम क्रिसमस का नाम लेते है तो हमारे जेहन में दो बातें आती हैं, सबसे पहली सांता क्लॉस और दूसरी क्रिसमस ट्री। हम सब जानते है, इस सेलिब्रेशन के मौके पर क्रिसमस-ट्री को सजाया जाता है, लेकिन कभी सोचा है कि इसकी शुरुआत कहां और कैसे हुई। आपको बता दें कि क्रिसमस ट्री को ईश्वर की ओर से दिए जाने वाले लम्बी उम्र के आशीर्वाद के तौर पर देखा जाता है। इस बारे में मान्‍यता है कि यह जिस घर इसे सजाया जाता है वहां के बच्चों के आयु लम्बी होती है और उनका जीवन खुशहाली से भरा रहता है।

     

    सबसे पहले इस देश में सजाते थे ट्री 

    आइये इस बारे में जानते है अधिक जानकारी। हिस्ट्री डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे पहले क्रिसमस ट्री का चलन 16वीं शताब्दी में जर्मनी से शुरू हुआ था। तभी से क्रिसमस के मौके पर फर ट्री को सजाया जाता था। बता दें कि इस ट्री को आम भाषा में सनोबर भी कहते हैं। सेलिब्रेशन के दिन इस ट्री को लोग घर के बाहर लटकाते थे। वहीं, गरीब तबके के लोग जो इस पेड़ को नहीं खरीद पाते थे वो पिरामिड आकार वाली लकड़ी को सजाते थे और इस तरह अपना क्रिसमस मनाते थे।  

    ऐसे हुआ बदलाव 

    आपको बता दें कि इससे से जुड़े कई चीजों की शुरुवात जर्मनी से ही हुई है। जी हां क्रिसमस ट्री में खाने की चीजें रखने का रिवाज भी जर्मनी से शुरू हुआ था। इसे कई तरह की चीजों से सजाया जाता था। जैसे- सोने के वर्क में सेब को लपेटकर इस पर लटकाया जाता था। इसके अलावा इसे सजाने में जिंजरब्रेड का इस्तेमाल किया जाता था। धीरे-धीरे इसे सजाने में कई तरह की चीजें शामिल की गयी। आज के डोर में हम सब जानते है कि अब क्रिसमस ट्री को सजाने के कितने सारे चीजें मार्केट में अवेलेबल है। 

    दुनिया में ऐसे शुरू हुआ क्रिसमस 

    इसके बाद धीरे-धीरे करके यह परंपरा दूसरे देशों में पहुंची। 19वीं शताब्दी में इसका चलन इंग्‍लैंड में भी शुरू हो गया। यहां से पूरी दुनिया में क्रिसमस के मौके पर ट्री सजाने का ट्रेंड चल पड़ा। तब से लेकर आज तक यह परंपरा क्रिसमस के मौके पर चली आ रही है। शायद आपको इस बारे में जानकारी न हो लेकिन ऐसा माना जाता है कि क्रिसमस ट्री का कनेक्‍शन प्रभु यीशु के जन्म से है।बता दें कि  कई रिपोर्ट्स में भी इसका जिक्र भी किया गया है। 

    ये है मान्यता 

    इस बारे में मान्‍यता है कि जब प्रभु यीशू का जन्म हुआ तब उनके मात- पिता मरियम और जोसेफ को बधाई देने वालों में एक देवदूत भी शामिल थे। उन्होंने बधाई देने के लिए भेट के तोर पर सितारों से रोशन सदाबहार फर ट्री उन्हें भेंट किया। तब से ही क्रिसमस फर के पेड़ को क्रिसमस ट्री के रूप में मान्यता मिली। इस वजह से हर साल क्रिसमस दिवस के सेलिब्रेशन पर क्रिसमस ट्री को बेहद खूबसूरती से सजाया जाता है।