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    मास्को: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने हाल ही में रूस में तीन लाख रिजर्व सैनिकों को लामबंद करने की घोषणा की। इस घोषणा ने के बाद रूस के नागरिक डर गए है। दरअसल, रूसी राष्ट्रपति (Russian President) के ऐलान के बाद सरकार ने दावा किया है कि, करीब 10000 लोग अपनी इच्छा से सेना में भर्ती होने के लिए सामने आए हैं। वहीं दूसरी तरफ खबर मिली है कि, रूस के कई नागरिक अपना देश छोड़ने लगे हैं। 

    हाल ही में सोशल मीडिया (Social Media) पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में रुसी नागरिक अपना दश छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। ताकि उन्हें सेना में भर्ती होने के लिए न बुला लिया जाए। राष्ट्रपति पुतिन ने इस समय 3 लाख सैनिकों की लामबंदी का ऐलान किया जब रूस यूक्रेन के चार हिस्सों को मिलाने की तैयारी में है। इसके लिए रूस शुक्रवार से इन इलाकों में जनमत संग्रह शुरू कराने जा रहा है। इन इलाकों में रहने वाले लोग 23-27 सितंबर के बीच अपना वोट डाल सकेंगे। इस जनमत संग्रह से यह निर्धारित होगा कि ये क्षेत्र रूस का अभिन्न हिस्सा बनेंगे अथवा नहीं।

    रूस से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह जनमत संग्रह एक प्रकार से रूस की शह पर हो रहा है और यूक्रेन तथा पश्चिमी देशों ने पूर्व में इसकी निंदा करते हुए इसे ‘‘कोरी बयानबाजी” बताया था। इसे रूस द्वारा क्षेत्र के कब्जे की ओर बढ़ाये गए एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।मतदान लुहांस्क, आंशिक तौर पर रूस के कब्जे में आए जापोरिज्जिया और दोनेत्स्क क्षेत्र में रहा है। 

    वहीं खेरसॉन में भी शुक्रवार को सुबह मतदान शुरू होने की उम्मीद है। इस क्षेत्र पर भी रूस का पूरा कब्जा है।यह निर्धारित करने के लिए मतदान हो रहा है कि लोग इन क्षेत्रों को रूस में शामिल किए जाने की इच्छा रखते हैं अथवा नहीं और माना जा रहा है कि परिणाम रूस के पक्ष में रहेंगे। इससे रूस को यह दावा करने का मौका मिलेगा कि क्षेत्रों पर पुन: कब्जा करने के यूक्रेनी बलों के प्रयास वास्तव में रूस पर हमले हैं।जनमत संग्रह से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 3,00,000 ‘रिजर्विस्ट’ (आरक्षित सैनिक) की आंशिक तैनाती की घोषणा की थी।