तुर्की और सीरिया में शक्तिशाली भूकंप से अब तक 25,000 से अधिक मौतें, हजारों लोग बेघर

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    अंकारा. तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से हालात बदतर होते जा रहे हैं। यहां मौत का आंकड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इमारतों के मलबे में लगातार लाशें मिल रही है। दोनों देशों में भूकंप से अब तक 25 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। घायलों की संख्या भी करीब 75 हजार के करीब पहुंच गई है। 95 से ज्यादा देश यहां मदद भेज रहे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

    अकेले तुर्की में अब तक 21 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है और करीब 40 हजार लोग घायल हुए हैं। यहां अब तक 30 हजार से ज्यादा लोगों को बचा लिया गया है। वहीं, सीरिया में 3,500 से ज्यादा लोग मारे गए और 4 हजार से अधिक जख्मी हैं। सीरिया में मारे गए लोगों को दफनाने के लिए सामूहिक कब्रें बनाई जा रही हैं।

    तुर्की और सीरिया में हालात काफी खराब है। हजारों लोग बेघर हुए हैं, हजारों लोगों ने शॉपिंग मॉल, स्टेडियम, मस्जिदों और सामुदायिक केंद्रों में शरण ली है। दोनों देशों में काम करने वाले मानवीय सहायता समूह ने चेतावनी दी कि भूकंप का “लंबे समय तक असर” रहेगा और बचाव अभियान खत्म होने के बाद महीनों या वर्षों तक दान देने की आवश्यकता है।

    उत्तरी सीरिया में मानवीय सहायता को पहुंचाना गृह युद्ध के कारण जटिल हो गया है, जबकि राहत प्रयासों में छूट के बावजूद अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण भेजी गई रकम को प्रतिबंधित या धीमा किया जा सकता है।

    तुर्की में राजनीतिक माहौल ने भी चुनौती पैदा की है। भूकंप सहायता से संबंधित पहली खेप शुक्रवार को तुर्की की सीमा से सीरिया में पहुंची। न सिर्फ क्षति और मलबे के कारण खेप पहुंचने में देरी हुई, बल्कि संयुक्त राष्ट्र की एक नीति के कारण भी यह देरी हुई, जो केवल एक बार में एक वाहन को जाने की अनुमति देती है। हालांकि, सीरिया में 12 साल से चल रहे गृह युद्ध के कारण कुछ सहायता समूह पहले से ही कार्यरत हैं।

    उत्तरी सीरिया में डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स/मेडिसिन्स सैंस फ्रंटियर्स (एमएसएफ) के 500 कर्मी कार्यरत हैं, जिनमें से दो की भूकंप की चपेट में आने से मौत हो गई है। वहां इन संगठनों ने संघर्ष के बीच चिकित्सा सहायता पहुंचाने में मदद की है। एमएसएफ यूएसए की कार्यकारी निदेशक एवरिल बेनोइट ने कहा, “हम भूकंप के तुरंत बाद एक गोदाम से 500 से अधिक परिवारों को बड़े पैमाने पर भोजन और कंबल वितरण करने में सक्षम थे।”

    बड़ी आपदाओं के मामले में उनका संगठन आपात स्थिति के लिए आपूर्ति का भंडार रखता है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट सोसाइटीज ने कहा कि सीमा के दोनों छोरों पर उनके 5,200 स्वयंसेवक सहायता कार्य में जुटे हुए हैं। इसी तरह से अन्य संगठन सहायता कर रहे हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)