Imran Khan again played the Victim Card, said – due to close relations with China, America and Western countries are under pressure on Pakistan
File Photo

    Loading

    इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) की संसद का अहम सत्र शनिवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के उस फैसले के अनुरूप आहूत किया गया जिसमें प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के भाग्य का फैसला करने के लिए शुरू हुई कार्यवाही कई बार स्थगित हुई। इसके साथ ही इसमें अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने की संभावना आज दिन खत्म होने से पहले दूर ही प्रतीत होती है।

    प्रधानमंत्री खान को पद से हटाने के लिए विपक्षी दलों को 342 सदस्यीय सदन में 172 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता है। विपक्षी दलों ने क्रिकेटर से नेता बने खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के असंतुष्टों और सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ सहयोगियों की मदद से जरूरत से ज्यादा समर्थन हासिल कर लिया है।

    वर्ष 2018 में ‘नया पाकिस्तान’ बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए खान आर्थिक कुप्रबंधन के दावों से घिर गए हैं क्योंकि उनकी सरकार विदेशी मुद्रा भंडार भरने और दोहरे अंकों की मुद्रास्फीति को कम करने के मामले में लड़खड़ा रही है। पिछले साल आईएसआई के प्रमुख की नियुक्ति का समर्थन करने से इनकार के चलते उन्होंने स्पष्ट रूप से सेना का समर्थन भी खो दिया था। अंत में वह सहमत हो गए थे, लेकिन इससे सेना के साथ उनके संबंधों में खटास आ गई थी।

    पाकिस्तान में 75 वर्षों के अस्तित्व के आधे से अधिक समय तक तख्तापलट की आशंका वाले देश पर सेना ने ही शासन किया है और अब तक सुरक्षा एवं विदेश नीति के मामलों में भी उसी का बोलबाला रहा है। खान लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को आईएसआई प्रमुख के रूप में रखना चाहते थे लेकिन सेना आलाकमान ने पेशावर में कोर कमांडर के रूप में उनकी नियुक्ति करके उनका तबादला कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है।

    शीर्ष अदालत के फैसले के बाद सदन का महत्वपूर्ण सत्र आज सुबह 10:30 बजे (भारतीय समयानुसार 11 बजे) शुरू हुआ और तब से लेकर अब तक किसी न किसी कारण से सत्र को तीन बार स्थगित किया जा चुका है।

    न्यायालय द्वारा डिप्टी स्पीकर के फैसले को खारिज किए जाने पर संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में नेता विपक्ष शहबाज शरीफ ने बृहस्पतिवार के दिन को एक ऐतिहासिक दिन करार दिया और कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले ने देश का भविष्य ‘‘उज्ज्वल” बना दिया है।

    इस बीच खान सरकार ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के निर्णय को असंवैधानिक घोषित करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को शनिवार को पुनर्विचार याचिका दायर कर चुनौती दी। (एजेंसी)