अंकारा: तुर्की और सीरिया (Turkey and Syria) में भूकंप (earthquake) से मरने वालों की संख्या 33,000 से अधिक पहुंच चुकी है। भारत इस आपदा में मदद कर रहा है। भारत ऑपरेशन दोस्त के तहत काम कर रहा है। भारत से तुर्की पहुंची NDRF की टीम ने यहां कई लोगों की जिंदगियां बचाई हैं। NDRF के खोजी कुत्तों, जूली और रोमियो ने भूकंप प्रभावित नूर्दगी में मलबे में फंसी छह साल की बच्ची को बचाया। जिसकी काफी सराहना हो रही है। ये कुत्ते लगातार मलबे में फंसे लोगों को खोज रहे हैं। फ़िलहाल 95 से ज्यादा देश (countries) यहां मदद भेज रहे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue operation) जारी है।
NDRF के एक अधिकारी ने बताया कि जब हम एक परिदृश्य पर जाते हैं, तो हमारे पास हमेशा जोड़े में कुत्ते और हैंडलर होते हैं। पहले एक कुत्ते को छोड़ते हैं। यह जाता है, खोजता है और हमें एक जीवित शिकार की संभावना का संकेत देता है। फिर दूसरे कुत्ते को छोड़ दिया जाता है और यह संकेत की पुष्टि करता है। इस केस में भी ऐसा ही हुआ। दोनों ने मिलकर हमे संकेत दिए कि मलबे में कोई जीवित है।
"When we go to a scenario, we always have the dogs & handlers in pairs. We decide & release one dog first. It goes, searches and barks to indicate to us the possibility of a live victim. Then the second dog is released & it confirms the indication," says one of the NDRF handlers pic.twitter.com/lfquUgpXvo
— ANI (@ANI) February 13, 2023
#WATCH | #TurkeyEarthquake | Sniffer dogs of NDRF, Julie and Romeo saved a six-year-old girl who was trapped under the debris at the earthquake-hit Nurdağı. pic.twitter.com/y931PMJz9z
— ANI (@ANI) February 13, 2023
बता दें कि भारत सहित दुनिया भर के तमाम देश तुर्की और सीरिया की मदद कर रहे हैं। माना जा रहा है कि जैसे जैसे मलबे साफ़ होंगे मृतकों की संख्या और बढ़ेगी। यही नहीं अस्पताल में गंभीर लोगों की मौत नहीं रुक रही है। इस प्राकृतिक आपदा में करीब एक लाख से अधिक लोग घायल हुए हैं। लाखों लोग बेघर हो गए हैं। हजारों इमारतें पल भर में मलबे में बदल गई।