Nearly 32 lakh people excluded from middle class category in India due to corona epidemic: Research

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    नई दिल्ली: कोरोना (Corona) महामारी के चलते दुनिया के कई देश आज ख़राब अर्थव्यवस्था (Economy) का शिकार हो चुके हैं। इस महामारी ने दुनिया के ज़्यादातर देशों की इकोनॉमी गंभीर रूप से बिगाड़ दी है। ऐसे में दुनिया के कई देशों में वित्तीय संकट पैदा हो चूका है। वर्ष 1990 के बाद पहली बार मध्यम वर्ग (Middle Class) की आबादी में गिरावट दर्ज की गई है और इसका बड़ा कारण कोरोना काल के दौरान नौकरी (Jobs) न होना बताया जा रहा है। वर्ल्ड बैंक (World Bank) के आंकड़ों से भी इस बात का पता चलता है। ऐसे में भारत (India) में अछूता नहीं है। भारत में भी कोरोना महामारी का बड़ा असर पड़ा है। देश में कोरोना के चलते पैदा हुए वित्तीय संकट के से करीब 3 करोड़ 20 लाख मध्यम वर्ग की श्रेणी में आने वाले लोग अब इस श्रेणी से बहार हो कर गरीब श्रेणी में आ चुके हैं। ये खुलासा अमेरिका के प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Centre) द्वारा किया गया है। 

    मिडिल क्लास पर पड़ा बड़ा असर 

    प्यू के एक रिसर्च के अनुसार, कोरोना संकट के कारण भारत के 32 मिलियन लोग मध्यम वर्ग की श्रेणी से पिछड़ कर नीचे धकेल दिए गए हैं और वे अब गरीब श्रेणी में आ चुके हैं। इस रिसर्च के मुताबिक, कोरोना काल में मिडिल क्लास के 10 डॉलर से 20 डॉलर हर रोज़ कमानेवालों की संख्या में करीब तीन करोड़ 20 लाख की गिरावट दर्ज हुई है। कोरोना काल से पहले भारत में मिडिल क्लास की कैटिगरी में करीब 9 करोड़ 90 लाख लोग थे और अब इनकी संख्या घट कर करीब 6 करोड़ 60 लाख हो गई है। 

    6.2 करोड़ लोग मध्यम वर्ग की श्रेणी में आए   

    रिसर्च के अनुसार, कोरोना वायरस के कारण देश में हाई आय श्रेणी के 6.2 करोड़ लोग मध्यम वर्ग की श्रेणी में आ गए। इस रिसर्च के मुताबिक, उच्च आय की श्रेणी में वे लोग हैं जो रोज़ाना एक अनुमान के मुताबिक, करीब 3630.50 रुपए कमाते हैं। विश्व बैंक के पूर्वानुमानों के हवाले से प्यू ने अपने रिसर्च में कहा, एक अनुमान के मुताबिक कोरोना महामारी की में छाई मंदी में चीन के मुकाबले भारत में मध्यम वर्ग में अधिक कमी और गरीबी में अधिक वृद्धि होगी। बता दें, 2011 से साल 2019 के दरमियान करीब पांच करोड़ 70 लाख लोग मध्यम वर्ग की कैटिगरी में शामिल हुए थे। 

    अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए मोदी सरकार ने कई कदम उठाए   

    प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने इस वित्त वर्ष में आठ फीसदी के संकुचन का अनुमान लगाते हुए देश की इकोनॉमी को समर्थन देने के लिए कई कदम उठाए हैं। हालांकि, कोरोना वायरस के कारण हुई मंदी ने प्रगति को वर्षों पीछे धकेल दिया है। प्यू रिसर्च सेंटर का अनुमान है कि, प्रतिदिन दो डॉलर या उससे कम कमानेवाले गरीब लोगों की संख्या 7 करोड़ 50 लाख हो गई है।