काठमांडू. दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में मिले कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) से दुनियाभर में दहशत का माहौल है। जिससे कई देशों ने ओमिक्रॉन को फैलने से रोकने के लिए नए कोरोना गाइडलाइन जारी की हैं। बताया जा रहा है कि ओमिक्रॉन काफी खतरनाक वायरस है और काफी तेजी से फैलता है। वहीं इस पर मौजूदा कोरोना वैक्सीन भी ज्यादा प्रभावी नहीं होने की बात सामने आई है। ऐसे में नेपाल ने दक्षिण अफ्रीका से आने वाले सभी यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
उधर, नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया में रविवार को कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के क्रमश: 13 और दो मामलों की पुष्टि हुई। वहीं इजराइल ने कड़ा कदम उठाते हुए रविवार को विदेशी नागरिकों के देश में प्रवेश पर रोक लगा दी है।
Nepal to ban all passengers arriving from South African countries in wake of new variant of COVID19, #Omicron, says its Home Ministry
— ANI (@ANI) November 28, 2021
दक्षिण अफ्रीका में वायरस के इस नए वैरिएंट का पता चलने के बाद यूरोप के कई देशों में इसके संदिग्ध या पुष्ट मामले सामने आ चुके हैं। डच जनस्वास्थ्य प्राधिकरण ने बताया कि शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका की उड़ानों से नीदरलैंड पहुंचे 13 लोगों में ओमीक्रोन से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। ये 13 लोग उन 61 लोगों में शामिल हैं जो शुक्रवार को संक्रमित पाए गए थे। इन सभी को तत्काल पास के ही होटल में पृथक-वास में रखा गया था और इनके नमूनों को अनुक्रमण (सीक्वेंसिंग) के लिए भेजा गया था।
इसी बीच, ऑस्ट्रेलिया में अधिकारियों ने कहा कि अफ्रीका से सिडनी पहुंचे दो विदेशी यात्रियों में वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप की पुष्टि हुई है जो ऑस्ट्रेलिया में इस स्वरूप का पहला मामला है। उन्होंने बताया कि नौ अफ्रीकी देशों से आने वाले यात्रियों को पहुंचने पर अनिवार्य रूप से होटल में पृथक-वास में रहना होगा।
वहीं इजराइल द्वारा सभी विदेशी नागरिकों के अपने देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही दूसरे देशों से लौटने वाले इजराइली नागरिकों को भी अनिवार्य रूप से पृथक-वास में रहने का आदेश दिया है। इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि देश की सीमाओं पर प्रतिबंध लगाना कोई आसान कार्य नहीं है, हालांकि, यह एक अस्थायी और आवश्यक कदम है। (एजेंसी इनपुट के साथ)