प्रतीकात्मक तस्वीर
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    नई दिल्ली: अक्सर लोगों को अपनी निजी जानकारी (Personal Information) को लेकर काफी चिंता रहती है कि, कहीं ये किसी के हाथ न लग जाए या फिर कहीं ये लीक न हो जाए। ऐसे में लोग अपने पर्सनल डाटा (Personal Data) साथ में लेकर घूमते हैं, लेकिन इसे हर जगह लेकर घूमना भी काफी रिस्की होता है। ऐसे में सबसे पहला ख्याल आता है कि अपना पर्सनल डाटा रखे तो रखें कहां? तो चलिए आपको बताते हैं कैसे छिपाए अपना डाटा…

    मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्वीडन की एक कंपनी ऐसी माइक्रोचिप (Microchip) बना रही है, जिसे लोग खुद में छिपा सकता है। ऐसे में आप इस चीप में अपने निजी डाटा डाल कर अपने शरीर में इम्प्लांट कर सकेंगे। इस चिप को डिसरप्टिव सबडर्मल्स (disruptive subdermals) नाम की कंपनी बना रही है। हालांकि, इसे अभी बड़े पैमाने में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, लेकिन फिर भी हज़ारों लोगों ने इस चिप को अपने शरीर में इम्प्लांट कर लिया है। इस चिप को इम्प्लांट करने के बाद लगभग 40 सालों तक यूज़ किया जा सकता है। 

    रिपोर्ट के मुताबिक, इस चिप में आपके उपकरणों को अनलॉक करने के कोड, बिजनेस कार्ड, सार्वजनिक यातायात कार्ड जैसी कई तरह की जानकारी डाली जा सकती है। अब इसे लोगों ने कोविड-19 के वैक्सीन पास की तरह भी यूज़ करना भी शुरू कर दिया है। जिन लोगों ने इस चिप को अपने त्वचा के अंदर इम्प्लांट कर लिया है, उनका कहना है कि, ऐसा करके लोग अपने डाटा को सुरक्षित रख सकते हैं। डिसरप्टिव सबडर्मल्स के प्रबंधक निदेशक हांस सोबलाद ने बताया, “एक चिप को इम्प्लांट करवाने का खर्च 100 यूरो (8,500 रुपये) है। ऐसा तब ही हो सकता है अगर आप उसके ज्यादा विकसित प्रारूप को इम्प्लांट करवाना चाहते हैं। 

    सोबलाद ने आगे कहा कि, ‘इस चिप में बैटरी नहीं होती है, ये किसी भी तरह का सिग्नल नहीं सकता है। ये खुद कोई काम नहीं कर सकता है। ये आपके लोकेशन को भी शेयर नहीं करता। ये तब भी काम करता है जब आप उसे अपने स्मार्टफोन से छूते हैं।” सोबलाद ने स्पष्ट किया कि सभी इम्प्लांट स्वैच्छिक हैं। कोई भी किसी को चिप इम्प्लांट करवाने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है।”