
इस्लामाबाद. कंगाल पाकिस्तान (Pakistan) से कब्जे वाला कश्मीर यानी PoK संभल नहीं रहा है। मुजफ्फराबाद शहर में लोग बढ़ती बिजली दरों की वजह से परेशान हो चुके हैं और सड़कों पर उतर आए हैं और खुलेआम पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इतना ही नहीं गुस्साए लोगों ने बिजली बिल नदी में फेंक दिए, जबकि कुछ लोग उसे जला रहे हैं।
पूरे क्षेत्र को ठप करने की धमकी
पाकिस्तान से कब्जे वाला कश्मीर (PoK) में बढ़ती बिजली दरों की वजह से लोगों में गुस्सा है। PoK के हर कोने के निवासी अत्याधिक बिजली बिल के अन्यायपूर्ण बोझ की निंदा करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे अपने बिजली बिल नहीं भरेंगे। उनका कहना है कि उनकी मांगें तुरंत पूरी नहीं की गई तो वे पूरे क्षेत्र को ठप कर देंगे।
#WATCH | People in Muzaffarabad city in Pakistani-occupied Kashmir (PoK) protest over rising electricity bills. pic.twitter.com/KQd9I3cGze
— ANI (@ANI) September 30, 2023
कर्फ्यू जैसी स्थिति
ANI के रिपोर्ट के मुताबिक एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “जैसा कि आप सभी जानते हैं, कल रात से प्रशासन द्वारा कुछ इलाकों और शहर में कर्फ्यू जैसी स्थिति पैदा कर दी गई है। आज 30 सितंबर है और स्थानीय नेताओं की गिरफ्तारी से लोग गुस्से में हैं। राजनीतिक हस्तियों सहित सभी ने प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया है।”
लोगों को अनसुना करती है सरकार
गौरतलब है कि PoK के प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों और पर्याप्त बिजली उत्पादन के बावजूद, यहां के लोग को अपनी बुनियादी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान सरकार पर निर्भर हैं। सात दशकों से अधिक समय से पाकिस्तान ने PoK और गिलगित बाल्टिस्तान की संपत्ति का अंधाधुंध दोहन किया है, जबकि कब्जे वाले क्षेत्रों को बदले में कुछ नहीं मिला है। वहां विकास नहीं हुआ है। पाकिस्तानी सरकार ने स्थानीय लोगों की अपीलों और अनुरोधों को लगातार अनसुना कर दिया गया है, जिससे असंतोष बढ़ रहा है। दमनकारी बिलिंग प्रणाली के खिलाफ रैली करते हुए लंबे समय से पीड़ित आबादी टूटने के बिंदु पर पहुंच गई है।
लोग जला रहे अपने बिजली बिल
मौजूदा हालत पर PoK एक्टिविस्ट अमजद अयूब मिर्ज़ा ने बताया कि, बिजली बिलों पर टैक्स, सब्सिडी में कटौती, गेहूं की कमी और लंबे समय तक लोडशेडिंग के खिलाफ आंदोलन अब सविनय अवज्ञा का एक पूर्ण विकसित आंदोलन बन गया है और यह पिछले कुछ महीनों से चल रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते से जारी आंदोलन अब रावलकोट से लेकर मीरपुर और मुजफ्फराबाद तक एक तरह से विद्रोह में बदल गया है। लोग विरोध शिविर लगा रहे हैं और इन शिविरों में उन्होंने लोगों से कहा है कि वे अपने बिजली बिल का भुगतान न करें क्योंकि इन बिलों पर भारी कर लगता है। इसलिए इसके बजाय, बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर अपने बिजली बिल जला रहे हैं।
पाकिस्तान सरकार के खिलाफ इस धरना-प्रदर्शन में भाग लेने वाले लोगों में व्यापारी, वकील, छात्र और विक्रेता शामिल हैं, जो हर दिन सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक इस प्रदर्शन में शामिल होते हैं।