
इस्लामाबाद. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) की कुर्सी जाना तय माना जा रहा है। वे निचले सदन में प्रभावी रूप से बहुमत खो चुके हैं। ऐसे में गुरुवार को पाकिस्तान के नेशनल असेंबली सत्र (National Assembly Session) के दौरान विपक्षी सांसद ने इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (no-confidence motion) पर तत्काल वोट की मांग करने लगे। जिसके बाद अचानक असेंबली सत्र को स्थगित कर दिया गया।
संसद भवन में जैसे ही नेशनल असेंबली का सत्र शुरू हुआ, डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने सांसदों से एजेंडे में सूचीबद्ध मुद्दों पर चर्चा करने को कहा। लेकिन, विपक्षी सांसदों ने प्रधानमंत्री खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर तत्काल मतदान की मांग की। इसके बाद डिप्टी स्पीकर ने विपक्षी सांसदों के जोरदार विरोध के बीच रविवार को सुबह 11 बजे तक के लिए सदन स्थगित कर दिया।
Proceedings of the National Assembly of Pakistan adjourned to 3rd April 2022 soon after it convened to discuss the no-confidence motion against Prime Minister Imran Khan.
(Pics Source: Pakistan’s Samaa TV) pic.twitter.com/AIYhcxgqFq
— ANI (@ANI) March 31, 2022
28 मार्च को नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया था और उसी दिन इसे बहस के लिए मंजूरी दे दी गई थी।
विधानसभा सचिवालय ने पहले गुरुवार के सत्र के लिए 24 सूत्री एजेंडा जारी किया था और अविश्वास प्रस्ताव एजेंडे में चौथा था। शहबाज शरीफ ने संविधान के अनुच्छेद A-95 के तहत प्रस्ताव पेश किया था और इसमें 161 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे। प्रस्ताव पेश करते हुए शरीफ ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर रहे हैं। मतदान 3 अप्रैल को होने की उम्मीद है और महत्वपूर्ण दिन से पहले, दोनों पक्ष इस मामले पर बहस के लिए असेंबली मंच का उपयोग करेंगे।
मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) सहित सरकार के दो मुख्य सहयोगियों के सरकार के खिलाफ मोर्चा में शामिल होने के बाद विपक्षी दलों की स्थिति मजबूत हुई है। सहयोगी दलों द्वारा सरकार गिराए जाने के बाद सरकार ने अपना बहुमत खो दिया और क्रिकेटर से नेता बने क्रिकेटर पर दबाव बढ़ रहा है। हालांकि, उनके मंत्रियों ने कहा है कि खान “आखिरी ओवर की आखिरी गेंद” तक लड़ेंगे।
विपक्ष की कोशिश को नाकाम करने के लिए खान को 342 के निचले सदन में 172 वोट चाहिए। हालांकि जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि, “विपक्ष के पास 175 सांसदों का समर्थन है और प्रधानमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।”
बता दें कि, पाकिस्तान के इतिहास में अभी तक किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। साथ ही किसी भी प्रधानमंत्री को कभी भी अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से अपदस्थ नहीं किया गया है। इमरान खान चुनौती का सामना करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री हैं।
गौरतलब है कि, मंगलवार को प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी पार्टी के सांसदों को उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दिन नेशनल असेंबली सत्र में भाग लेने या न करने का सख्ती से निर्देश दे चुके हैं।