
नई दिल्ली. जहां एक तरफ रूस और यूक्रेन का युद्ध (Russia-Ukarine War) फिलहाल अपनी चरम पर है। वहीं इन सबके बीच मिली एक बड़ी खबर के अनुसार रूस अब यूक्रेन से शांतिवार्ता (Peace Talks)) के लिए तैयार है। लेकिन इसके लिए उसकी कुछ शर्तें हैं। दरअसल UN में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने साफ़ कहा है कि, रूस अब यूक्रेन से शांति वार्ता के लिए भी तैयार है लेकिन, वार्ता के दौरान कोई भी सीजफायर नहीं होगा।
हालांकि इसके पहले भी रूस इस प्रकार के दावे करता रहा है कि, रूस शांति के लिए तैयार है, लेकिन यूक्रेन ऐसा नहीं करना चाहता है। रूस ने इसके पहले यह भी कहा था कि, यूक्रेन के साथ वह इस युद्ध को लेकर शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। इसलिए उन्होंने समाधान के लिए दिलचस्पी भी दिखाई, लेकिन यूक्रेन बार-बार बातचीत से पीछे हट जाता है।
Russia is ready to negotiate about Ukraine without a ceasefire
Russian Foreign Minister Lavrov said the country is ready to negotiate about Ukraine without a ceasefire. Moscow was fooled once, he declared. pic.twitter.com/vXiYrdcnBT
— Hung (@HHungduc) September 24, 2023
यह भी जानकारी दें कि, मामले पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का रुख पूरी तरह स्पष्ट नहीं दीखता है। दरअसल उन्होंने कभी यह कहा था कि, मुद्दे पर बातचीत एक बार फिर ‘डेड एंड की स्थिति’ में पहुंच गई है। लेकिन वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार मिखाइलो पोदोल्याक का मामले पर तब कहना था कि, बहुत मुश्किल हालात होने के बाद बातचीत अब भी हो रही है।
क्या वाकई बहुत कठिन है युद्ध में बातचीत
इतिहास उठाकर देखा जाए तो , शांतिवार्ता कभी भी आसान काम नहीं होता है क्योंकि आखिरकार यह दो दुशमनों के बीच होती है। फिर इसमें रणनीति गुणा भाग के साथ प्रचुर मात्र में मानवीय भावनाएं भी जुड़ी होती हैं। जिसके चलते इनके सफल की संभावना भी कम होती है प्रायः इनमें से अधिकांश मामलों पर नाकाम ही होती देखी गई हैं। वहीं स्वीडन की उपसाला यूनिवर्सिटी के शोध कहता है कि,1946 से 2005 तक 288 में से केवल 39 शांतिवार्ता ही शांति समझौते तक पहुंच सकी हैं। ऐसे में रूस-यूक्रेन शांतिवार्ता कब होगी या फिर होगी भी नहीं इस पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह हैं।