काबुल में हथियारों के साथ गुरुद्वारे में घुसे तालिबान के लड़ाके, ताले तोड़े, बंधक भी बनाया

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    काबुल. तालिबान (Taliban) शराफत का नकाब ओढ़कर क्रूरता के कारनामे दुनिया से छिपाने में लगा हुआ है, लेकिन उसकी काली करतूत दुनिया के सामने उनका असली चेहरा ला ही देती है। तालिबान के आतंकी संगठन होने की हकीकत सभी जानते है। भले ही वो आश्वासन दे रहा हो कि, महिलाओं के साथ ज्यादती नहीं करेगा और सभी को शांति से जीने का मौका देगा, लेकिन अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) स्थित गुरुद्वारे करते परवान (Gurdwara Karte Parwan) पर हमला बोलकर उसके अपने कुख्यात इरादों को एक बार फिर सबके सामने ला दिया है। 

    दरअसल मंगलवार को हथियारबंद संदिग्ध तालिबानी लड़ाके एक गुरुद्वारे में घुसे और वहां जमकर तोड़फोड़ की। आतंकियों ने यहां लगे सीसीटीवी कैमरों और कई तालों को भी तोड़ डाला। तालिबानी लड़ाकों ने यहां से कई लोगों को हिरासत में ले लिया। इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने तालिबानी लड़ाकों की इस कार्रवाई की पुष्टि की है। पुनीत ने बताया कि कुछ अज्ञात तालिबानी लड़ाकों के एक समूह ने गुरुद्वारे में प्रवेश किया और सिख समुदाय के कई लोगों को हिरासत में ले लिया। गौरतलब हो कि पुनीत चंडोक ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां से हिंदुओं और सिखों को सुरक्षित बाहर निकालने में अहम भूमिका निभायी थी। 

    अफगान सिख माइनोरिटी के सदस्य सरदार गोविंद सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि, हथियारबंद लोगों ने सीसीटीवी कैमरा तोड़ दिए और गुरुद्वारा में मौजूद कई तालों को तोड़ दिया। इंटरनेट पर इस संबंध में कई और पोस्ट भी किए गए हैं और इस कृत्य के लिए तालिबान को ही जिम्मेदार ठहराया गया है। हालांकि, भारत की तरफ से इस संबंध में अभी तक कोई बयान नहीं आया है। 

    ज्ञात हो कि 15 अगस्त 2021 को काबुल पर कब्जे के तुरंत बाद तालिबान के कुछ लोग गुरुद्वारा करते परवान आए थे। यहां बहुत से हिंदूओं और सिखों ने शरण ली हुई थी। उस समय तालिबान कमांडर ने सिख नेताओं को उनके समाज की सुरक्षा का भरोसा दिलाया था।