Taliban made its stand clear on women's education and jobs, Foreign Minister Amir Khan Muttaqi said - committed in principle
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    काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्ज़े के बाद मंगलवार को आखिरकार सरकार गठन का एलान हो गया है। अफगानिस्तान की कार्यवाहक सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा करते हुए मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद (Mullah Mohammad Hassan Akhund) को प्रधानमंत्री (Prime Minister) नियुक्त किया है।

    इसके साथ ही मंत्रिमंडल में अमेरिका नीत गठबंधन और तत्कालीन अफगान सरकार के सहयोगियों के खिलाफ 20 साल तक चली जंग में दबदबा रखने वाली तालिबान की शीर्ष हस्तियों को शामिल किया गया है। तालिबान की नई कैबिनेट में कई ऐसे नेता शामिल किए गए हैं जो यूएन द्वारा ग्लोबल आतंकी (Global Terrorists) घोषित हैं। तो किसी पर तो अमेरिका ने करोड़ों रुपये का ईनाम घोषित किया हुआ है। इस कैबिनेट में किसी भी महिला को शामिल नहीं किया गया है। 

    देश में सबसे अहम मंत्रालय वैश्विक स्तर पर आतंकी नामित किए गए हक्कानी नेटवर्क के एक नेता को गृह मंत्री का प्रभार सौंपा गया है। मंगलवार को जारी लिस्ट को लेकर तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा कि ‘नई इस्लामिक सरकार’ में संगठन की निर्णय लेने वाली शक्तिशाली इकाई ‘रहबरी शूरा’ के प्रमुख मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद प्रधानमंत्री होंगे जबकि मुल्ला अब्दुल गनी बरादर उप प्रधानमंत्री होंगे। तो वहीं हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख और सोवियत विरोधी क्षत्रप जलालुद्दीन हक्कानी के बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी को 33 सदस्यीय मंत्रिमंडल में गृह मंत्री बनाया गया है।

    कौन हैं मुल्ला अखुंद

    एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुल्ला अखुंद तालिबान में एक बड़ा ओहदा रह्कने वाली शख्सियत है। 1990 के दशक में आतंकवादी समूह की स्थापना के बाद से वह अफगानिस्तान में एक प्रभावशाली व्यक्ति रहा है। लेकिन उस अवधि के अन्य तालिबान नेताओं के विपरीत, वह 1980 के दशक के सोवियत-अफगान युद्ध में शामिल नहीं था। अखुंद को ‘बमियान के बुद्ध’ का विनाश करने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों में से एक के तौर पर संभवत: बेहतर जाना जाता है। बमियान घाटी में चट्टानों और चूना पत्थरों से बनी बुद्ध की दो खड़ी विशाल मूर्तियों को 2001 में तालिबान ने नष्ट कर दिया था। 

    उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर भी लिस्ट में शामिल 

    एक रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के संस्थापकों में से एक मुल्ला बरादर ने अब तक तालिबान के मामलों में अहम भूमिका निभाई है। मुल्ला बरादर को कभी मुल्ला उमर का करीबी माना जाता था। यूएन प्रतिबंध नोटिस (यूएन सैंक्शन नोटिस) में तालिबान सरकार के पतन के बाद बरादर ने गठबंधन बलों पर हमलों के लिए जिम्मेदार एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर के रूप में कार्य किया।

    दूसरा उप-प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनाफी पर हैं मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप 

    एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब्दुल सलाम हनाफी मादक पदार्थों की तस्करी के लिए यूएन ने उस पर प्रतिबंध लगा रखा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब्दुल सलाम हनाफी ही अमेरिका और अफगानिस्तान शांति समझौते की कुंजी था। बताया जाता है कि, वह मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल रहा है।

    सिराजुद्दीन हक्कानी का नाम वैश्विक स्तर के आतंकवादियों की सूची में है

    मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सिराजुद्दीन हक्कानी का नाम वैश्विक स्तर के आतंकवादियों की सूची में है। अमेरिका ने उसके बारे में सूचना पर 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) की वेबसाइट के अनुसार, 2008 में अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या के प्रयास की साजिश में भी वह कथित रूप से शामिल था।

    (एजेंसी इनपुट्स के साथ)