Taliban made its stand clear on women's education and jobs, Foreign Minister Amir Khan Muttaqi said - committed in principle
Representative Photo

    Loading

    काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) की सरकार में हाथ काटने जैसी सजा (Punishment) देना आगे भी जारी रहेगा। तालिबान के वरिष्ठ नेताओं में से एक और तालिबान के फाउंडर मेंबर मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी (Mullah Nooruddin Turabi) ने कहा है कि, ऐसी सज़ाएं देने से लोगों में खौफ बना रहता है और जुर्न करने से पहले लोग दो बार सोचते हैं।

    न्यूज़ एजेंसी AP को दिए गए एक इंटरव्यू में तुराबी ने कहा, दूसरे कई देशों में भी जुर्म के खिलाफ सख्त कानून हैं, हम इसका विरोध नहीं करते लिहाज़ा हमारे कानून पर भी किसी को अप्पत्ति नहीं होनी चाहिए। अपने इस इंटरव्यू में तुराबी ने कहा कि, गलती या जुर्म करने वालों को मौत की सजा और शरीर के अंग काटने जैसी सज़ाएं दी जाएंगी लेकिन इस बार शायद ऐसी सज़ाएं सार्वजनिक रूप से नहीं दी जाएगी। हाथ काटना जैसी सजा देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है।

    तुराबी ने कहा, इस तरह की सजा से लोगों में खौफ बरकरार रहता है। तालिबान की सरकार इस पर सोच-विचार जारी रखे हुए है कि, गुनाहों के लिए ऐसी सजाएं सार्वजनिक तौर पर दी जाएं या फिर नहीं, हम जल्द इसका मसौदा तैयार कर लेंगे। 

    तुराबी ने आगे अपने बयान की दलील देते हुए बताया कि, स्टेडियम में लोगों के सामने और सरेआम ऐसी सजा देने के तालिबान के तरीके को कई देश और लोग गलत बताते हैं। हालांकि तालिबान ने कभी किसी देश के कानून और उनके सजा देने के तरीके का विरोध नहीं किया है। ऐसे में हमारे कानूनों को लेकर भी किसी को विरोध नहीं करना चाहिए। तुराबी ने अपने इंटरव्यू में कहा, हम इस्लाम और कुरान के आधार पर कानून बनाएंगे। 

    बता दें कि, इससे पहले अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत के दौरान हुई क्रूरता के कई किस्से लोगों के ज़हनों में आज भी ज़िंदा हैं। तब 90 के दशक में अफगानिस्तान में तालिबान के रूल के दौरान स्टेडियम और मैदान में लोगों को गुनाह के लिए सरेआम दर्दनाक सजा दी जाती थी।