
नई दिल्ली: आज हम जिस ज्वालामुखी के बारे में आपको जानकारी देने जा रहे है वह दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा एक्टिव ज्वालामुखी है। जी हां दुनिया इस ज्वालामुखी को मौना लोआ के नाम से जानते हैं। बता दें कि ये अमेरिका के हवाई द्वीप पर है। दरअसल ये ज्वालामुखी एक्टिव जरूर था लेकिन 40 साल से इसी स्थिति में था। अब ये फट पड़ा है और इससे निकल रहा लावा पहाड़ियों से नीचे फैलने लगा है। चूंकि ये बस्तियों तक पहुंच सकता है, लिहाजा बस्तियां खाली कराई जा रही हैं, आइए ऐसे में आज जानते है मौना लोआ ज्वालामुखी के बारे में…
ज्वालामुखी का ऐसे हो रहा असर
आपको बता दें कि मौना लोआ इस समय भारी मात्रा में सल्फर डाइऑक्साइड और दूसरी ज्वालामुखीय गैसें उगल रहा है। ये गैसें भाप, ऑक्सीजन और धूल से मिल कर स्मॉग या वॉग बनाती हैं। जिसकी वजह से आसमान में साफ दिखना बंद हो जाता है, दूर दूर तक राख फैलने लगती है। इतना ही नहीं बल्कि इसका हवाई यात्राओं पर भी असर पड़ता है। हम आपको इस सबसे बड़े सक्रिय ज्वालामुखी के बारे में बताते हैं। समुद्र तल से लेकर सबसे ऊंची चोटी तकये 75,000 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका के हवाई में 5 ज्वालामुखियों में से एक है।
ज्वालामुखी का 34वां विस्फोट
ज्ञात हो कि मौना लोआ में 1984 में विस्फोट हुआ था। इस एरिया में और भी ज्वालामुखी है, लेकिन मौना लोवा को दुनिया का सबसे बड़ा ज्वालामुखी माना जाता। ये सबसे ऊंचा बेशक नहीं है लेकिन काफी फैला हुआ है। इतना ही नहीं बल्कि मौना लोआ का इतिहास 1843 से लिखा जा रहा है। इसमें कुछ कुछ सालों बाद विस्फोट होता है और ये फट पड़ता है। अबकी बार ये 34वें विस्फोट के साथ फटा है।
मौना लोआ करीब 7 लाख साल पुराना
इसके पास मवेशियों और कॉफी के फार्म ही ज्यादा हैं। कई छोटे शहर भी पास हैं। 1984 में मौना लोआ से हर दिन 15,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकली थी। यह 2,400 स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल से होने वाले सालाना उत्सर्जन के बराबर है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी की सभी ज्वालामुखियों से निकलने वाला कार्बन डाइ ऑक्साइड, इंसान के हर साल पैदा करने वाले उत्सर्जन के एक फीसदी से भी कम है। मौना लोआ करीब 7 लाख साल पुराना है। इस हिसाब से देखें तो ये धरती पर सबसे पुराना और सक्रिय कोई प्राकृतिक चीज है। वैसे ये हैरानी की बात है कि जिस हवाई द्वीप में ये है, वहां लाखों सालों से कई ज्वालामुखी एक्टिव रहे हैं। आपको बता कि इसका ताजा तरीन विस्फोट 27 नवंबर से शुरू हुआ है, जिसकी चर्चा अब पुरे दुनिया में हो रही है।