Kashmiri Pandits are one of the most successful Indian-American communities: Raja Krishnamoorthi
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    वाशिंगटन: अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति (Raja Krishnamoorthi) का कहना है कि चीन की हालिया आक्रामक कार्रवाई के चलते हिंद-प्रशांत में ‘असहज शांति’ की स्थिति है। उन्होंने रेखांकित किया कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए भारत और अमेरिका को जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।  

    ताइवान समेत हिंद-प्रशांत क्षेत्र की यात्रा से हाल में लौटे भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद कृष्णमूर्ति (49) ने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा कि उनकी यात्रा के दौरान भारत का उदय और इस देश का अहम भूमिका निभाना बातचीत के दिलचस्प विषयों में शुमार रहा। हाल में अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और ताइवान की यात्रा की थी।  

    डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वहां (क्षेत्र में) एक असहज शांति है। हमने जितने भी देशों का दौरा किया, चाहे वह सिंगापुर, मलेशिया, जापान, कोरिया या ताइवान हो, चीन की आक्रामकता को लेकर एक वास्तविक चिंता है।” गौरतलब है कि चीन, ताइवान के अपना क्षेत्र होने का दावा करता है। 

    पेलोसी की अगुवाई वाले अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की ताइवान यात्रा की प्रतिक्रिया में चीन ने ताइवान के आसपास बड़े स्तर पर सैन्य अभ्यास शुरू किया था। कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारत के साथ साझेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है।”  

    उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करने में ‘क्वाड’ जैसी पहल के माध्यम से भारत विशेष रूप से प्रभाव डाल सकता है। हिंद-प्रशांत को किसी भी तरह के प्रभाव से मुक्त रखने के उद्देश्य से नवंबर 2017 में अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने क्वाड का गठन किया था। (एजेंसी)