US-Iran talks on nuclear program, to be discussed in Austria, know the whole matter

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    ब्रसेल्स: ईरान (Iran) के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ (Mohammad Javad Zarif) ने सोमवार को अमेरिका (America) का आह्वान किया कि वह उनके देश की परमाणु महत्वकांक्षा को सीमित करने वाले अंतरराष्ट्रीय समझौते (International Agreement) से दोबारा यथाशीघ्र जुड़े। उन्होंने इसके साथ ही आगाह किया कि इस्लामी गणराज्य में होने वाले आगामी चुनाव की वजह से इस संबंध में किसी भी वार्ता की प्रगति बाधित हो सकती है।

    उल्लेखनीय है कि अमेरिका के ट्रम्प प्रशासन (Trump Administration) ने वर्ष 2018 में एकतरफा तरीके से अपने देश को परमाणु समझौते से अलग कर लिया था। इस समझौते में ईरान आर्थिक प्रतिबंधों में ढील देने के एवज में यूरेनियम संवर्धन को सीमित करने पर सहमत हुआ था। अमेरिका (America) ने जब कुछ प्रतिबंधों को दोबारा लागू किया और अन्य प्रतिबंध लगाए तो ईरान धीरे-धीरे एवं सार्वजनिक तरीके से समझौते में अपने परमाणु (Nuclear) विकास के लिए निर्धारित सीमा का उल्लंघन करने लगा। 

    व्हाइट हाउस (White House) के अधिकारी ने कहा कि अमेरिका का नया प्रशासन समझौते में लौटने को तैयार है अगर तेहरान समझौते की शर्तों को लेकर ‘प्रतिबद्धता’ दिखाए। जरीफ ने कहा कि ईरान के चुनाव नजदीक आ रहे हैं और अमेरिका जिस सरकार से बातचीत करेगा उससे परमाणु कार्यक्रम में प्रगति नहीं हो पाएगाी। ब्रसेल्स में ‘यूरोपियन पॉलिसी सेंटर’ थिंकटैंक के ऑनलाइन सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ निर्वतमान सरकार कुछ भी ठोस नहीं कर पाएगी और फिर हमे करीब छह महीने इंतजार करना पड़ेगा। हमारे यहां सितंबर तक सरकार नहीं होगी।”

    उन्होंने कहा, ‘‘अभी और सितंबर के बीच बहुत कुछ हो सकता है। इसलिए अमेरिका को सलाह है कि वह तेजी से आगे बढ़े।” ईरान का मानना है कि अमेरिका को वर्ष 2015 में हुए समझौते से जुड़ने के लिए पहले पहल करनी चाहिए और कोई पूर्व शर्त नहीं रखनी चाहिए।  जरीफ ने कहा, ‘‘हम बातचीत की कोई वजह नहीं देखते। हम तुरंत लागू करने को बढ़ सकते हैं और फिर बातचीत कर सकते हैं।”