Vidyut Mohan named among the winners of 'Young Champions of the Earth', know the contribution of Indian engineer
Image: UNEP

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संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की पर्यावरण एजेंसी (Environment Agency) द्वारा दिए जाने वाले विशिष्ट पुरस्कार ‘यंग चैम्पियंस ऑफ द अर्थ’ (Young Champions of the Earth) के सात विजेताओं (Winners) में 29 वर्षीय एक भारतीय (Indian) उद्यमी भी शामिल है।

नए विचारों और नवोन्मेषी कदमों के जरिए पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों के समाधान की दिशा में काम करने वालों को यह पुरस्कार दिया जाता है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) (UNEP) ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि ‘टेकाचार’ (Takachar) कंपनी के सह संस्थापक और पेशे से इंजीनियर विद्युत मोहन (Vidyut Mohan) ने अपने सामाजिक उद्यम के जरिए किसानों (Farmers) को अपनी फसल का अपशिष्ट नहीं जलाने के लिए समझाया और इन अपशिष्टों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें अतिरक्त आमदनी के उपाए बताए।

बयान में मोहन के हवाले से बताया गया, ‘‘मैं हमेशा से ऊर्जा तक पहुंच और गरीब समुदायों के लिए आमदनी के अवसर मुहैया कराने के विषय पर काम करना चाहता था।” उन्होंने कहा, ‘‘विकासशील देशों में आर्थिक विकास और पर्यावरण पर होने वाले दुष्प्रभावों को रोकने के लिए संतुलन बनाने के सवालों का जवाब तलाश करना चाहता था।”

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस (Antonio Gutares) ने एक संदेश में कहा कि कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी के दौरान समाज की दिक्कतें बढ़ी हैं, अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें प्रकृति को हुए नुकसान के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने और टिकाऊ विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि ‘यंग चैम्पियंस ऑफ द अर्थ’ लोगों को प्रेरित करने और इस दिशा में आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं ।

यूएनईपी की कार्यकारी निदेशक इंगर एंडरसन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता को हुए नुकसान के सार्थक समाधान के लिए युवा अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। ‘टेकाचार’ किसानों से धान की भूसी, पराली और नारियल के छिलके लेकर उन्हें चारकोल में बदलती है और किसानों को अपशिष्ट जलाने से रोकने के लिए प्रेरित करती है। वर्ष 2018 में शुरुआत के बाद से मोहन और कंपनी के सह संस्थापक केविन कुंग ने 4500 किसानों के साथ मिलकर काम किया और 30,000 टन अपशिष्ट का निपटारा किया।