Crop Insurance

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    यवतमाल. किसानों को खरीफ फसल बीमा कराने की समय सीमा 15 जुलाई को समाप्त हो गई. इस दौरान जिले में केवल 1 लाख 84 हजार 970 किसानों ने फसल बीमा निकाला है. नतीजा यह है कि जिले के आधे से ज्यादा किसान अभी भी फसल बीमा से दूर हैं. इसलिए फसल बीमा की अवधि बढ़ाने की उम्मीद है.

    इस वर्ष जिले में बारिश समय पर हुई. कुछ ही दिनों में बारिश नहीं होने से किसानों को दोहरी बुआई का संकट झेलना पड़ रहा था, लेकिन अब जब बारिश फिर से शुरू हो गई है तो दोहरी बुआई का संकट टल गया है. जिले में फिलहाल शत-प्रतिशत बुआई हो चुकी है.  

    जिले में है लगभग 4.25 लाख किसान

    जिले में इस समय करीब 4 लाख 25 हजार किसान हैं. इसमें से 1 लाख 84 हजार किसानों ने ही फसल बीमा लिया है. शेष आधे किसान अभी भी फसल बीमा से वंचित हैं. इसी तरह फसल बीमा की समय सीमा समाप्त होने से बड़ी संख्या में किसानों के फसल बीमा से वंचित होने की संभावना है. इसे देखते हुए किसान फसल बीमा लेने के लिए विस्तार की उम्मीद कर रहे हैं. पिछले सीजन में निकाले गए फसल बीमा से अधिकांश किसानों को लाभ नहीं मिला है.

    फसल का नुकसान होने पर मिलता है बीमा का लाभ

    योजना प्राकृतिक आपदाओं जैसे अपर्याप्त वर्षा, ओलावृष्टि, बाढ़, तूफान, सूखा या फसलों के कीट प्रकोप के कारण फसलों के नुकसान के मामले में किसानों को बीमा कवर प्रदान करती है. स्वयं के मालिकाना जमीन वाले अथवा अन्य जमीन किराये पर लेकर खेती करनेवाले किसान इस योजना के आवेदन कर सकते है.

    अब तक कर्जदार किसानों को फसल बीमा योजना अनिवार्य की गई थी. 2020 से सरकार ने कर्जदार व बिगर कर्जदार किसानों को योजना वैकल्पिक बना दिया है. यानि किसान चाहे तो ही इस योजना में हिस्सा ले सकते हैं. यदि उधारकर्ता किसान है और योजना में भाग नहीं लेना चाहता है, तो योजना के लिए आवेदन की अंतिम तिथि से 7 दिन पहले बैंक को हलफनामा जमा करना होगा.