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यवतमाल. चालू खरीप मौसम में फसलबिमा लेने की अंतिम तिथि 31 जुलाई थी. इस दौरान यवतमाल जिले में लगभग 3 लाख 88 हजार 372 किसानों ने अपनी फसल का बिमा बनाया है. फसलबिमा संबंधी जनजागृति, कम से कम कागजाद और ऑनलाइन केंद्र पर बिमा लेने की सुविधा से इस योजना को अच्छा प्रतिसाद मिलना अपेक्षित था. लेकिन कोरोना संकट की वजह से लॉकडाउन में कई किसानों को दिक्कते गई. इसमें कई जगह लॉकडाउन और सर्व्हर डाउन, कागजाद मिलने में देरी, महा ई सेवा केंद्र द्वारा प्रतिप्रस्ताव 150 से 200 रु. लूट तो  कर्जदार किसानों के लिए घोषणापत्र की धांदली ऐसी कई वजह से फसलबिमा लेने में दिक्कते आयी. यह दिक्कते समय पर दुर की जाती तो इस योजना को अधिक प्रतिसाद मिलना संभव था.

योजना के लिए बँकों ने डाटा एंन्ट्री के लिए 15 अगस्त तक समय दिया है.  जिससे और 1 से डेढ लाख अर्थात कुल साडेपाच लाख से इसमें वृध्दी होने की संभावना है. गत वर्ष जिले की चार लाख किसानों ने फसलबिमा बनाया था. इस बार इसमें वृध्दी हुई, और किसानों का प्रतिसाद मिलना अपेक्षित था. अबतक बिगर कर्जदार 3 लाख 88 हजार 372 किसानों ने बिमा लिया है. गत वर्ष कुछ तहसील के किसानों ने प्रीमियम भरा था. लेकिन कुछ जगह किसानों का बिमा निकाला नही गया. जिससे किसानों को कोई लाभ नही मिला.

इसमें प्रमुखता से आर्णी तहसील के कुछ मामले उजागर हुए थे. फिर भी इस बार किसानों ने फसलबिमा को प्राथमिकता दी. प्राकृतिक आपदा, बारीश नही होना, ओलावृष्टी, बाढ, तुफान, अकाल की वजह से फसल का नुकसान होता है तो किसानों को फसल बिमा संरक्षण दिया जाता है. तीन वर्ष के लिए इफ्को टोकियो कंपनी निश्‍चित की गई है. बँक समेत सेतू सुविधा केंद्र के माध्यम से फसल बिमा लेने का काम शुरू है. अबतक जिले में 3  लाख 88 हजार 382 किसानों ने फसल बिमा बनाया है. कर्जदार किसानों के फसल बिमा बैंक बनाएगी. इसके लिए बैंक को 15 दिनों का अवधी दिया गया. 15 अगस्त तक बैंकों ने डाटा एंट्री करनी है. जिससे किसानो का आकडा डेढ लाख तक बढने की संभावना है. इस बार किानों की संख्या साडेपाच लाख तक पहुचने की संभावना व्यक्त की जा रही है. खास बात यह है कि इस बार फसल बिमा के लिए सरकार ने मियाद नही बढाई है.