Odisha: Court allows gay couple to live together

Loading

यवतमाल. भ्रष्टाचार प्रतिरोधक विभाग (एसीबी) द्वारा विविध अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज हुए ट्रैप, अपसंपदा, डिमांड आदि मामलों में अपराध दर्ज किया जाता है. वर्तमान में राज्यभर के सत्र न्यायालयों में एसीबी के पांच हजार 579 मामले लंबित है. इन मामलों में निलंबित हुए अधिकारी-कर्मचारियों के 90 दिनों के कार्यकाल का जायजा संबंधित सक्षम प्राधिकरण की ओर से लेना अनिवार्य है. आज भी इनमें से कई मामलों में फंसे अधिकारी-कर्मचारी 90 दिन हो जाने के बाद भी निलंबित ही है.

किसी भी मामले में अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित करने के बाद उन्हें फिर से सेवा में लेने के संदर्भ में राज्य सरकार ने 9 जुलाई 2019 के आदेश मार्गदर्शक तत्व जारी किए हैं. जिसके लिए सर्वोच्च न्यायालय के 16 फरवरी 2015 के फैसले का एवं केंद्र सरकार के 23 अगस्त 2016 के परिपत्रक का हवाला दिया गया है. इसके अनुसार निलंबित सरकारी सेवकों की तीन माह के भीतर विभागीय जांच कर आरोपपत्र जारी किया गया हो तो सक्षम प्राधिकरण ने उसका जायजा लेना आवश्यक है. निलंबित अधिकारी-कर्मचारी की विभागीय जांच कर आरोपपत्र जारी नहीं किया गया हो तो उसका निलंबन समाप्त करने के नर्दिेश हैं. अभी भी राज्य में 6 माह से एक वर्ष पूर्व निलंबित हुए अधिकारी-कर्मचारियों की संख्या काफी हैं.