मारेगांव. घर में अठरा विस विश्व की गरीबी, उसीमें वृद्ध माता-पिता व परिवार का पालनपोषण की जिम्मेदारी. लॉकडाउन की वजह से हाथ को काम नहीं. इस कडी में पांचवा लॉकडाउन घोषित होने के पश्चात निराश होकर सुनील टेकाम (35) निवासी नरसाला ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. घटना सोमवार को उजागर होने के पश्चात परिसर में खलबली मच गई. मारेगांव तहसील के नरसाला निवासी टेकाम परिवार भी विगत ढाई माह से कोरोना वायरस संक्रमण के प्रभाव से त्रस्त हो गए थे, रोजमजदूरी कर परिवार का पालनपोषण चलता था.
मार्च माह में कोरोना के संक्रमण से देश में प्रथम चरण का लॉकडाउन घोषित हुआ और सब कामकाज ठप पड गए. अब दो वक्त के रोजीरोटी का इंतजाम कैसे करना? समस्या सामने खडी हो गई. शुरुवात में कई समाजसेवकों ने मदद के लिए हाथ बढाए. पश्चात धीरे-धीरे सहायता मिलना बंद हो गया. अब माता-पिता, परिवार को कैसे संभालना, खाली पेट सुनिल अस्वस्थ्य कर रहा था. लॉकडाउन खत्म होने की प्रतीक्षा में चार लॉकडाउन निकल गए अंत में पांचवे लॉकडाउन की घोषणा हुई.
राज्य में बढते कोरोना के मरीज को देखकर अब परिवार के भरणपोषण की समस्या से वह अस्वस्थ्य हो गया. और अंत में खुदकुशी करने का निर्णय लिया. 31 मई की 5 बजे के दौरान ‘मै गिट्टी खदान पर कामकाज ढूंढता हूं’ ऐसा परिवारवालों को बताकर घर से निकला और नामदेव दुर्गे इस किसान के खेत के नीम के पेड को फांसी लगाकर अपनी जीवनयात्रा समाप्त कर ली. उसके पश्चात वृद्ध माता-पिता, पत्नी एवं दो बेटे ऐसा परिवार है.