Shilanand Kamble

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पुसद. तहसील के देवठाणा ग्रामपंचायत में शिलानंद कांबले ने विगत 35 वर्षों से चल आ रही जीत की परंपरा को बरकरार रखा है. जिससे गांव व परिसर में हर्ष का माहौल निर्माण हो गया है.

विगत कई सालों से सरपंच पद का आरक्षण छोडकर सरपंच के रूप में मां विनंताबाई कांबले 10 वर्ष के पश्चात सरपंचा पत्नी सुजाता कांबले 10 वर्ष के पश्चात बहनोई सरंपच होने से पहले फिर से खुद सरपंच पद के लिए शिलानंद कांबले का पैनल पूरी तरह से सफलता प्राप्त करके राजनीतिक तथा सामाजिक सेवा के सक्षम व्यक्त साबित हुई है. चुनकर आनेवाले सदस्य सुजाता शिलानंद कांबले, केशव डाखोरे, लिलाबाई अर्जुन कांबले, मीराबाई कान्हेकर, विद्या डोंगरे इन सात में से पांच सदस्यों विक्रमी वोटों से जीत हासिल की है.

विगत कई सालों से शिलानंद कांबले ने विविध सामाजिक कार्य किए है. वह एक विख्यात समाजसेवक है. हजारों गरीब युवक-युवतियों संसार सामूहिक विवाह के माध्यम से बसाए है. तो विविध आंदोलन, मोर्चे निकालकर सरकार के तरफ से मालपठार नल जलापूर्ति योजना का पानी दिलाया तथा गरीब विद्यार्थियों को नि:शुल्क किताबे वितरीत किए. गरीब परिवार के बिमारों को अस्पताल में पहुंचाने का काम किया, दिन रात समाज के लिए काम करने के कार्य से देवठाणा गांव में 35 साल के पश्चात भी अपना किला कायम रखा.

इस सफलता के लिए गणेश खंडारे, प्रताप खंडारे, बापुराव कांबले, मनोहर कांबले, केशव कांबले, युवराज कांबले, धोंडबाराव जाधव, तुकाराम पांडे, आनंद कांबले, गणेश डाखोरे, राजु कांबले, किर्तीध्वज कांबले, धम्मा सालवे, दत्तराव कांबले, मोतीराम कांबले, गौतम कांबले, साहबराव इंगोले, गौतम धुलधुले, राजू सालवे, चंद्रकांत दवणे, बाबाराव पाईकराव, गौतम डोंगरे, उत्तम धुले, चेतन कांबले, रमेश कांबले, रामपाल ढोके, बाबाराव कांबले, बादल कांबले आदि ने अश्रम प्रयास किए.