ओबीसी संवैधानिक मांगों को मंजूर करें, राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ की मांग

  • तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

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मारेगाव. 1931 की ब्रिटिश जनगणना के अनुसार, राज्य में ओबीसी समुदाय 52 फीसदी है. लेकिन स्वतंत्रता के बाद, ओबीसी समुदाय को सत्ता, संपत्ति में पूर्ण अधिकार और हिस्सेदारी नहीं मिली. ओबीसी समुदाय किसान, खेतमजदूर बारा बलुतेदार श्रम करनेवाला उत्पादक घटक में विभाजित हुआ होकर शिक्षा सुविधा, रोजगार, स्वरोजगार, छात्रवृत्ति, कृषि, छात्रावास ओबीसी समुदाय के लिए अधिक समस्याएं खडी है. इसलिए ओबीसी समाज की विविध मांगों को लेकर राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ शाखा मारेगाव की ओर से तहसीलदार द्वारा मुख्यमंत्री उद्धवराव ठाकरे को ज्ञापन सौंपा गया है. यदि मांगे मंजूर नहीं होते है तो तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी सौंपे ज्ञापन से दी है.

इसमें यदि केंद्र सरकार 2021 में ओबीसी समुदाय की जातिवार जनगणना का संचालन नहीं कर रही है, तो महाराष्ट्र सरकार को राज्य में जाति आधारित जनगणना करके ओबीसी समुदाय को न्याय देना चाहिए. तथा ओबीसी समुदाय को 19 फीसदी आरक्षण मराठा समुदाय नहीं देना चाहिए, उन्हें स्वतंत्र आरक्षण देने में कोई विरोध नहीं. ओबीसी समाज 19 फीसदी आरक्षण चंद्रपुर, गडचिरोली, यवतमाल, नंदुरबार, घुले, ठाणे, नाशिक, पालघर में कम आरक्षण को 19 फीसदी पूर्ववत किया जाए. तथा सौ फीसदी बिंदू नामावली केंद्र सरकार के  2 जुलाई 1997 व 31 जनवरी 2019 के मार्गदर्शक सूचनाओं के अनुसार तुरंत सुधार किया जाए. तथा महाराष्ट्र राज्य में प्राध्यापक संवर्ग आरक्षण कानून  2019 (केंद्रीय शिक्षा संस्थान अधिनियम 2019) लागू किया जाना चाहिए.

साथ ही, ओबीसी समुदाय के छात्रों के लिए अलग छात्रावास शुरू किया जाना चाहिए, महाज्योति इस संस्था के लिए 1 हजार करोड प्रावधान कर जल्द शुरू करें, ओबीसी समुदाय की रिक्तियों को तुरंत भरा जाना चाहिए, ओबीसी कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण लागू किया जाना चाहिए, ओबीसी समुदाय के स्वतंत्र आवास योजना शुरू की जानी चाहिए, 60 साल की उम्र के बाद किसानों के लिए पेंशन योजना लागू की जानी चाहिए, बारा बलुतेदारों के आर्थिक विकास के लिए राष्ट्रसंत गाडगेबाबा के नाम पर आर्थिक विकास निगम स्थापित कर उचित प्रावधान किया जाए, एस.टी,एस.सी की तर्ज पर ओबीसी की तरह किसान व विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम में सौ फीसदी सहूलियत योजना शुरू करने, धनगर समाज के लिए 1 हजार करोड मंजूर योजना का निधि देकर अंमल किया जाए, एस.टी,एस.सी विद्यार्थियों को भारतरत्न डा. बाबासाहेब आंबेडकर स्वाधार योजना सभी ओबीसी विद्यार्थियों के लिए लागू किया जाना चाहिए, महात्मा फुले समग्र वाड्मय 10 रुपये मूल्य में उपलब्ध कराए तथा प्रत्येक शहर व तहसीलों के क्षेत्र में स्वतंत्र वाचनालय की सुविधा करने, महाराष्ट्र के सभी जिले में ओबीसी विभाग के कार्यालय शुरू करने आदि मांगे रखी गई.

इस समय ओबीसी महासंघ के आकाश बदकी, विशाल किन्हेकर, मारोती गौरकर, युसुफ शेख,पंकज पिदूरकर, सचिन आस्वले,गणेश आसुटकर, रामा अवताडे, प्रदीप बोबडे आदि उपस्थित थे.