16.1 lakh quintals Bought cotton, bought a record of white gold
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  • मजदूरों के अभाव में धीमी हुई गति

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यवतमाल. कोरोना के चलते मजदूरों की कमी का झटका कपास खरीदी को भी लगा है. गत 21 दिनों में वणी बाजार समिति में सीसीआई ने केवल 1258 किसानों का कपास खरीदा. विशेष बात यह है कि वणी बाजार समिति में 6,262 किसानों ने कपास बेचने के लिए अपना पंजीयन कराया है. अब बारिश के पूर्व क्या किसानों का कपास खरीदा जाएगा. यह सवाल किया जा रहा है.

बढ़ी समस्याएं
कोरोना के कारण किसानों की समस्याएं भी बढ़ी हैं. लाकडाउन के नियमों में किसान पिसा जा रहा है. कोरोना के कारण अब भी लाखों क्विंटल कपास किसानों के घर में ही पड़ा है. खरीफ सत्र समीप आ रहा है. उसकी तैयारी के लिए पैसा नहीं रहने से किसान चिंता में है. पहले लॉकडाउन के बाद कोरोना के डर से सीसीआई ने अपनी कपास खरीद बंद कर दी थी, लेकिन किसानों की स्थिति को देखते हुए सरकार ने सीसीआई को लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन करते हुए खरीद की अनुमति दी थी.

शुरू किया ऑनलाइन पंजीयन
उसके तहत सीसीआई ने वणी में कपास खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीयन शुरू किया. वणी केंद्र पर 6262 किसानों ने वहीं शिंदोला केंद्र पर 2,590 किसानों ने अपना कपास बेचने के लिए पंजीयन कराया, लेकिन कपास खरीदी की गति बहुत ही धीमी है. केवल 3 जिनिंग में खरीदी हो रही है. सीसीआई ने कपास संकलन करने के लिए वणी तहसील में 7 जिनिंग ली थी, पर कोरोना के कारण मजदूरों की कमी महसूस होने से केवल 3 ही जिनिंग में फिलहाल कपास की खरीदी शुरू है.