Coin and Notes Collection by Yavatmal Boy

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    पुसद. पुसद के एक कॉलेज के छात्र ने दुनिया के 139 देशों के विभिन्न प्रकार के नोटों, सिक्कों और डाक टिकटों का संग्रह करके एक दुर्लभ संग्रह बनाया है. संग्रह में भारतीय देवताओं और देवी देवताओं की छवियों के साथ चंद्रगुप्त मौर्य, शिव काल और ब्रिटिश काल के सबसे छोटे सिक्के शामिल हैं.

    स्थानीय स्वामी विवेकानंद कालनी निवासी साईंसंकेत गजानन आरगुलवार को बचपन से ही विभिन्न प्रकार के सिक्कों और नोटों को इकट्ठा करने का शौक रहा है. उसने बीबीए की पढाई पूर्ण करने के पश्चात स्नातोक्तर पढाई के दौरान भी इस शौक को बनाए रखा. उन्होंने 50 देशों और भारत के 600 से अधिक सिक्कों का दुर्लभ संग्रह, 139 देशों के 400 से अधिक नोट और 150 देशों के 2000 से अधिक डाक टिकटों का संकलन किया है. उन्होंने कहा कि उनके पास ब्रिटिश काल के 30 से 35 सिक्के थे, विशेष रूप से भारतीय देवी-देवताओं की छवि वाला एक सिक्का, चंद्र गुप्त मौर्य के समय के पांच चांदी के सिक्के और 400 साल के छत्रपति नाम से छपे पांच शिवराया उनके पास है. साईसंकेत को बचपन से ही विभिन्न रंगों के आकर्षक नोट इकट्ठा करने का शौक रहा है. उनके पिता और दादा एक इलेक्ट्रीकल की दुकान चलाते हैं और उनके शौक को परिवार में उनके दादा-दादी ने प्रोत्साहित किया है.

    साईसंकेत के पास एक रुपए से लेकर दो हजार रुपए के विविध भारतीय नोट, जिनमें फैंसी नोट, जन्मदिन नोट, एकल अंक नोट, स्टार नोट, शुरुआत में शून्य और अंत में शून्य संख्या, चार अंकों के समान नोट, प्रिंट की गलतियाँ शामिल हैं, कटिंग एरर. नंबरिंग से पहले, स्टार एक प्रतिस्थापन नोट है, विभिन्न गवर्नरों के हस्ताक्षर, थाईलैंड के राजा के लिए एक विशेष वाउचर यह चार से नौ सेमी नोट है. आकर में सबसे बडी रशिया की सौ रुबेल की साईज बार बाई छब्बीस से.मी. की नोट तो आकार में सबसे छोटे हांगकांग की युनीफेस (वनसाईड प्रिंटवाली) वनसेन्ट यह चार बाई नौ से.मी. की नोट है. उनके पास अंटार्कटिका, आर्टिक और ब्रिटिश सेना के तीन विशेष वाउचर हैं. बी आफ्रा इस देश का विलन नायजेरियात होने से इस देश की बंद हुई नोट है. तथा हांगकांग की तीन बैंकों द्वारा बनाई गई नोटा, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, सोलोमन आयरलैंड, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, कनाडा, मालदीव, वियतनाम, इंडोनेशिया, ब्रूनी और अन्य सहित 139 देशों के नोट भी हैं. 

    उन्होंने न केवल महाराष्ट्र में बल्कि पूरे विश्व में शिवराय के दस किलों का दौरा किया और वहां की पवित्र मिट्टी को एकत्र किया. उन्होंने किले पर शिव काल के तांबे के शिवराय भी पाए हैं, कुछ शिवराय जो उन्होंने छत्रपति के वंशजों से और कुछ शिवराय ने उनसे नीलामी से लिए है. उसके पास दुनिया का सबसे सस्ता वियतनामी डोंग है और कुवैत में सबसे ज्यादा कीमत वाला दीनार है. उनके पास इंग्लैंड के स्पेशल वन पौंड पर यूके शील्ड है और मूर्तिकला को दोहराने के लिए आवश्यक छह सिक्कों में, विशेष रूप से चंद्रगुप्त मौर्य के समय से एक साइड प्रिंट के ‘मशका’ यह पांच चांदी के सिक्के हैं. उनके पास आकार में सबसे छोटे सिक्के भी हैं. उसे सिक्कों और नोटों का विशेष ज्ञान है. शिवकालीन तांबे के सिक्के, शिवराय की विशेषत: स्पष्ट करता है, जिसकी जानकारी भी वह देखकर बता सकता है.

    उनके पास 2000 डाक टिकट हैं, एक कागज पर कई डाक टिकटों के साथ पंद्रह माइक्रो-पेपर, पहले दिन प्रकाशन के लिए एक लिफाफा और उस पर डाक टिकट लॉन्च के पहले दिन दस कवर हैं, जिनमें से चार छत्रपति शिवाजी महाराज के हैं. 

    उसके इंस्टाग्राम पर एक खाता है जिसके माध्यम से वह विभिन्न नोटों और सिक्कों की तस्वीरें और जानकारी प्रसारित करता है. अमेरिका, इंग्लैंड, थाईलैंड, पाकिस्तान, तुर्की, इजिप्त, यूगोस्लाविया, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, इटली और अन्य देशों में उनके दो हजार से अधिक अनुयायी हैं. वह छह भाषाओं अर्थात् मराठी, हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, संस्कृत और जर्मन में निपुण हैं और उन्होंने घरेलू क्रिकेट टीम में भी खेला है. वह रक्तदान करना पसंद करते हैं और तबला बजाते हैं और सिक्कों और नोटों पर भारतीय पुस्तकों का अध्ययन कर रहे हैं.